ग्वालियर । मध्य प्रदेश में 12 जनवरी 2019 को दूसरी बार प्रदेशव्यापी गिद्ध गणना की जायेगी। यह गणना सम्पूर्ण प्रदेश में एक ही समय की जायेगी। संकलित जानकारी एवं आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में गिद्ध आवास स्थलों के संरक्षण की रणनीति तैयार की जायेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना जनवरी 2018 से शुरू हुई है।
जिन जिलों में गिद्धों के आवास स्थल हैं, वहाँ वास्तविक गणना के कार्य में स्थानीय व्यक्ति और संस्थाएँ भी शामिल हो सकते हैं। इच्छुक व्यक्तियों को इसके लिए अपने क्षेत्र के वन मंडलाधिकारी से सम्पर्क करना होगा। वन विभाग गणना कार्य के लिये वृत्त स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन करने के साथ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा है।
886 स्थानों पर गिद्ध आवास स्थल चिन्हित
प्रदेश के 33 जिलों में 886 स्थानों पर गिद्ध आवास स्थल चिन्हित किये गये हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग के ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, दतिया, अशोकनगर, गुना व शिवपुरी जिले में गिद्ध आवास स्थल पाए गए हैं। गिद्ध आवास स्थल वाले अन्य जिले हैं भोपाल, सीहोर, विदिशा, छतरपुर, टीकमगढ़, इंदौर, देवास, शाजापुर, डिण्डोरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, दमोह, सागर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और नीमच हैं। सबसे अधिक 94 गिद्ध आवास स्थल छिन्दवाड़ा जिले में पाये गये हैं। दूसरे स्थान पर रायसेन जिला है, जहाँ 80 गिद्ध स्थल और मंदसौर जिले में 78 आवास स्थल चिन्हित किये गये हैं।