Dabra News : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के भितरवार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मोहनगढ़ ग्राम में बने कस्तूरबा गांधी छात्रावास में पढ़ने वाली एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जिसको लेकर गुस्साए परिजनों ने छात्रावास पर कार्यवाही की मांग को लेकर मृतका के शव को भितरवार करैरा रोड चौराहे पर रखकर चक्का जाम कर दिया है। और दो घंटे के जाम के बाद पुलिस ने दोनों वार्डन (सुनीता ईमले एवं भावना) के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, तब जाकर जाम खुला।
यह है मामला
बता दें कि मोहनगढ़ स्थित शासकीय कस्तूरबा छात्रावास में कक्षा 9वीं की छात्रा मधु पिता नरेंद्र रावत निवासी ग्राम बरौआ की अचानक तबीयत खराब हुई। सहायक अधीक्षका ने एंबुलेंस और छात्रा के परिजनों को सूचना दी, तो वह छात्रावास पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बच्ची की मौत के बाद परिजन शव को लेकर भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
परिजनों ने बताया कि उनकी बच्ची बिल्कुल स्वस्थ थी और 3 साल से छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही थी लेकिन अचानक उनके पास उनकी बेटी के मृत होने का एक फोन आया जिसके बाद पूरे गांव में मातम सा छा गया। जब परिजनों ने मौके पर जाकर देखा तो उनकी बच्ची मृत अवस्था में पड़ी हुई थी। ऐसे में वहां पर ना तो कोई वार्डन थी और ना ही छात्रावास अधीक्षक, आगे उन्होंने कहा कि छात्रावास अधीक्षक और छात्रावास के स्टाफ पर कार्रवाई की जाए क्योंकि छात्रावास के स्टाफ की लापरवाही के कारण ही उनकी बच्ची की जान गई है।
आपको बता दें कि मोहनगढ़ में स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन यहां कोई भी चिकित्सक तैनात नहीं है। यह केंद्र वार्ड बॉय के भरोसे चल रहा है। बताया जा रहा है कि पूर्व में एक चिकित्सक पदस्थ थे। जिनकी मृत्यु होने के बाद से ही यह केंद्र चिकित्सक विहीन बना हुआ है। ग्रामीणों को मामूली से इलाज के लिए भी भितरवार जाना पड़ता है। आज अगर यहां कोई चिकित्सक पदस्थ होता तो शायद मासूम बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट