दिग्विजय सिंह ने नागपंचमी की बधाई देते हुए कांग्रेसियों को दी नसीहत, बोले- आस्तीन के सांपों से बच कर रहें, अरुण यादव ने किया समर्थन

दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को विश्व आदिवासी दिवस की उन्हें बधाई दी साथ ही नागपंचमी की भी बधाई दी, मगर उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि वे सांपों की तो पूजा करें लेकिन आस्तीन के साँपों से बचकर रहें।  

Atul Saxena
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Digvijaya Singh

Digvijaya Singh congratulated Nagpanchami: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह आज भिंड जाने से पहले कुछ देर ग्वालियर में रुके उन्होंने यहाँ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की , उन्हें विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी, दिग्विजय ने पार्टी नेताओं को नागपंचमी की भी बधाई दी लेकिन साथ में नसीहत भी दी कि वे आस्तीन के साँपों से बच कर रहें, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी दिग्विजय की बात का समर्थन किया।

दिग्विजय की कांग्रेसियों को नसीहत – आज स्स्म्प की पूजा करें लेकिन आस्तीन के साँपों से बचकर रहें   

कांग्रेस आज भिंड में बड़ा धरना प्रदर्शन कर रही है, इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता ग्वालियर पहुंचे, यहाँ एक स्थानीय होटल में नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और फिर मीडिया से भी बात की, दिग्विजय सिंह ने मीडिया से तो बात नहीं की लेकिन वे कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते रहे, इस दौरान उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस की उन्हें बधाई दी साथ ही नागपंचमी की भी बधाई दी, मगर उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि वे सांपों की तो पूजा करें लेकिन आस्तीन के साँपों से बचकर रहें।

अरुण यादव ने किया दिग्विजय की बात का समर्थन नाम पूछने पर कहा समय आने पर बताएँगे   

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव से जब मीडिया ने दिग्विजय की नसीहत पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं उनकी बात का समर्थन करता हूँ , उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अपने स्वार्थ के चलते पार्टी छोड़कर चले गए आज जो कार्यकर्ता है वो समर्पित कार्यकर्ता हैं, अरुण यादव ने कहा जो छोड़कर गए उनमें से कई वापस आना चाहते हैं लेकिन अब ऐसे लोगों  के लिए कोई जगह नहीं है, मीडिया ने जब ये पूछा ऐसे कौन से लोग हैं? कौन हैं आस्तीन के सांप? तो अरुण यादव ये कहते हुए आगे निकल गए कि समय आने पर बताएँगे।

बहरहाल दिग्विजय सिंह और अरुण यादव ने इतना तो स्पष्ट कर दिया है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है , पार्टी के अन्दर अभी भी कुछ लोग हैं जो पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा हैं लेकिन वो कौन लोग है और बड़े नेताओं को मालूम होने के बाद भी उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं हो रहा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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