विवाद इंसान से, मौत के घाट उतारा 28 बेजुबान पालतू पक्षियों को, मामला ग्वालियर का

काजल राय ने पुलिस में दी शिकायत में बताया है कि वो सो रही थीं तभी उन्हें कबूतरों की तेज आवाजें सुनाई दी वे छत की तरफ भागी तो उन्हें मोहित खान किसी अन्य के साथ भागता दिखाई दिया, कबूतरों के पिंजरे का ताला टूटा मिला और उनके 28 कबूतर मरे हुए मिले, कबूतरों को गर्दन मरोड़ कर मारा गया था। 

Atul Saxena
Published on -

Gwalior News : ग्वालियर में हत्या का एक अनोखा मामला सामने आया है इसमें एक इंसान से पड़ोसन से विवाद के आवेश में आकर उसके पालतू 28 कबूतरों की गार्डन मरोड़ दी और उनकी हत्या कर दी, महिला को जब कबूतरों की आवाज आई तो वो पिंजरों की तरफ भागी लेकिन तब तक आरोपी भाग गया, पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

इंसान कब हैवान बना जाये कहा नहीं जा सकता, ग्वालियर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें इंसान से दूसरे इंसान के साथ विवाद में 28 पालतू कबूतरों की जान ले ली, पड़ोसी महिला से विवाद में आरोपी इतना उत्तेजित हो गया कि उसमें बेरहमी से कबूतरों की गार्डन मरोड़ कर उनकी हत्या कर दी।

विवाद के चलते पड़ोसी ने बेजुबान पक्षियों की हत्या की 

मामला ग्वालियर के विश्व विद्यालय थाना क्षेत्र के सिंधिया नगर सरकारी मल्टी की है, यहाँ रहने वाली काजल राय पेट लवर हैं उन्होंने अपने घर पर बड़ी संख्या में कबूतर पाल रखे हैं, उनका उनके पड़ोसी मोहित खान से किसी बात को लेकर विवाद हो गया और उसने इनके कबूतरों का मार दिया।

28 कबूतरों की गर्दन मरोड़ कर हत्या 

काजल राय ने पुलिस में दी शिकायत में बताया है कि वो सो रही थीं तभी उन्हें कबूतरों की तेज आवाजें सुनाई दी वे छत की तरफ भागी तो उन्हें मोहित खान किसी अन्य के साथ भागता दिखाई दिया, उन्हें कबूतरों के पिंजरे का ताला टूटा मिला और उनके 28 कबूतर मरे हुए मिले, कबूतरों को गर्दन मरोड़ कर मारा गया था।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया  

पुलिस ने शिकायत मिलते ही घटना स्थल को देखा और पुलिस को कबूतर मरे हुए मिले, एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने कहा कि हमने मरे कबूतरों का मेडिकल परिक्षण कराने के बाद आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है, जल्दी ही उसे गिरफ्तार करेंगे, पुलिस मृत कबूतरों की दफना दिया है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News