ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले (Gwalior District) के चिरवाई नाके पर पिछले दिनों स्थापित सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नीचे लगी पट्टिका पर लिखा ‘गुर्जर’ शब्द को गहराया विवाद थम नहीं रहा है। मंगलवार को दोनों समाज के लोगों ने शहर में अलग अलग क्षेत्रों में चक्काजाम किया। दोनों समाजों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने समिति बनाकर इसका हल निकालने का भरोसा दिया है।
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ग्वालियर के चिरवाई नाके के पास स्थापित की गई सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा स्थापना के बाद से ही विवादों में है। विवाद की वजह है प्रतिमा के नीचे लगी पट्टिका पर लिखा गुर्जर। गुर्जर समाज का दावा है कि सम्राट मिहिर भोज उनके समाज से हैं जबकि क्षत्रिय समाज सम्राट मिहिर भोज को उनके समाज का बताते हैं। अपनी अपनी बात पर अड़े दोनों समाज लगातार दावे पेश कर रहे हैं।
मंगलवार को दोपहर अचानक महाराणा प्रताप की प्रतिमा के नीचे गोले का मंदिर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के लोग इकट्ठा हो गए और वहाँ चक्काजाम कर दिया। जाम बढ़ते देख प्रशासन को इसकी जानकारी लगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तैयारी में लगे प्रशासन के आला अधिकारी चक्काजाम स्थल पर पहुंचे और क्षत्रिय समाज के लोगों को समझाइश देकर शांत किया। शाम करीब पांच बजे प्रशासन ने कहा कि कोई हल निकलने तक प्रतिमा के नीचे लगी पट्टिका को ढंक देंगे।
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प्रशासन के आश्वासन के बाद क्षत्रिय समाज ने धरना समाप्त कर दिया लेकिन चेतावनी दी कि यदि बुधवार को पट्टिका नहीं ढंकी तो सिंधिया के कार्यक्रम का विरोध करेंगे। प्रशासन के आश्वासन की खबर जैसे ही गुर्जर समाज को लगी तो वे इकट्ठा होने लगे। देर रात गुर्जर समाज के लोग प्रतिमा स्थल के पास चिरवाई नाके पहुंच गए और वहाँ चक्काजाम कर दिया। रात करीब आठ बजे गुर्जर समाज के लोग जुटना शुरू हुए और उनकी संख्या बढ़ती गई। गुर्जर समाज के चक्काजाम की खबर लगते ही प्रशासन के आला अधिकारी चिरवाई नाके पहुंचे और समझाइश दी। यहाँ गुर्जर समाज के लोग इस बात से नाराज थे कि प्रशासन ने पट्टिका ढंकने का आश्वासन क्यों दिया।
बात करने के बाद यहाँ प्रशासन के अधिकारियों ने गुर्जर समाज को भरोसा दिया कि प्रतिमा पर लगी पट्टिका नहीं ढंकेंगे। उसके बाद रात करीब डेढ़ बजे चक्काजाम खोल दिया गया। प्रशासन (Gwalior Administration) ने दोनों समाजों को अलग अलग आश्वासन देकर मंगलवार को तो शांत करा दिया लेकिन दोनों समाज चुप बैठ जाएं ऐसा दिखाई नहीं देता। उधर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि बुधवार को वीआईपी यानि सिंधिया का कार्यक्रम है उसके बाद दोनों समाजों के लोगों को एक साथ बैठाकर चर्चा की जायेगी जिससे समस्या का हल निकाला जा सके।