Gwalior में बेख़ौफ़ बदमाश, कैफे में घुसते हुए पहले सिगरेट जलाई फिर की फायरिंग, पुलिस कर रही आरोपियों की तलाश

हथियारों से लैस होकर आये वो सिरगेट जलाते हुए अंदर घुसे, दो दिन पहले हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने गालियां दी और कट्टा निकालते हुए फायरिंग की, एक गोली मिस हुई फिर उन्होंने दूसरी गोली चलाई, जो काउंटर में लगी मैनेजर ने झुक कर अपनी जान बचाई।

Gwalior firing

Gwalior News : ग्वालियर में बदमाशों के हौसले कितने बुलंद हैं इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो फ़िल्मी अंदाज में वो कैफे में सिगरेट जलाते हुए घुसते हैं और फिर काउंटर पर ठाएं ठाएं करते हुए फायरिंग करते हुए बाहर निकल गए, काउंटर पर खड़ा व्यक्ति बाल बाल बच गया,  गोला का मंदिर थाना क्षेत्र का है, पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक  गोला का मंदिर चौराहे के पास  विकास सिंह भदौरिया का टीलॉजी नाम से कैफे चलते हैं यहाँ  मुरैना जिले के बामौर कस्बे के रहने वाले जयकांत मौर्य मैनेजर हैं, दो दिन पहले यहाँ दो लड़के आये, उन्होंने प्लेट तोड़ दी जिसे लेकर उनके बीच बहस हुई और वे धमकी देकर चले गये।

सिगरेट जलाते घुसे फिर कर दी फायरिंग 

कल रात वही लड़के अन्नू शर्मा और शिवम वाजपेयी हथियारों से लैस होकर आये वो सिरगेट जलाते हुए अंदर घुसे, दो दिन पहले हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने गालियां दी और कट्टा निकालते हुए फायरिंग की, एक गोली मिस हुई फिर उन्होंने दूसरी गोली चलाई, जो काउंटर में लगी मैनेजर ने झुक कर अपनी जान बचाई, बदमाशों ने दूसरी गोली चलाई जो सीसीटीवी में जाकर लगी, उसके बाद वो आराम से बाहर निकल गए।

घटना सीसीटीवी में कैद, आरोपियों की पहचान, तलाश जारी 

पूरी घटना कैफे में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सूचना मिलते ही गोला का मंदिर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जयकांत मोर्य की शिकायत और सीसीटीवी के आधार पर दोनों बदमाशों अन्नू शर्मा और शिवम वाजपेयी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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