मंत्री की नाराजगी का असर, चार सदस्यीय समिति करेगी अधूरे निर्माण कार्यों की जांच

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishvas Sarang) के दौरे के बाद ग्वालियर (Gwalior News) के जीआर मेडिकल कॉलेज से लेकर जयारोग्य अस्पताल समूह तक में हलचल तेज हो गई है। गड़बड़ियों के बाद नाराज हुए मंत्री ने जो निर्देश दिए उसक आसार दिखाई देने लगा है।  मंत्री के निर्देश के बाद संभाग आयुक्त ने चार सदस्यीय समिति गठित की है जो पीआईयू के आधे अधूरे निर्माण कार्यों की जांच करेगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग रविवार को ग्वालियर आये थे उन्होंने जीआर मेडिकल कॉलेज में समीक्षा बैठक में 1000 बिस्तर के अस्पताल के निर्माणाधीन 100 बिस्तर के अस्पताल की प्रगति की समीक्षा की। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि निर्माण कार्य आधा अधूरा है , पीआईयू के अधिकारी सुनते ही नहीं है। मंत्री ने इसपर नाराजगी जताई। उन्होंने संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना को जांच के निर्देश दिए।

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मंत्री की नाराजगी का असर ये हुआ कि उनके भोपाल पहुँचते ही सोमवार को पीआईयू के सहायक यंत्री प्रदीप अष्टपुत्रे को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ कई तरह की अनियमितता की शिकायतें थे जो निलंबन का आधार बनी। अब आज मंगलवार को संभाग आयुक्त ग्वालियर आशीष सक्सेना ने चार सदस्यीय समिति बना दी जो पीआईयू (PIU) के आधे अधूरे निर्माण कार्यों की जांच करेगी और सात दिन में रिपोर्ट सौंपेगी।

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समिति में चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी आर एल भारती, उपायुक्त विकास एवं उप संचालक विधि संभाग आयुक्त कार्यालय शिव प्रसाद, जेएएच के सहायक अधीक्षक डॉ. देवेन्द्र कुशवाह तथा उप यंत्री बीसीटी जीआरएमसी भूपेन्द्र यादव को शामिल किया गया है। संभाग आयुक्त ने जीआरएमसी डीन को समिति से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर आगामी कार्रवाई यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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