ग्वालियर । भारतीय जनता पार्टी ने महापौर विवेक शेजवलकर को ग्वालियर से पार्टी का लोकसभा उम्मीदवार बनाया है। कुछ लोगों के लिए ये खबर या यूं कहें ये नाम आश्चर्य करने वाला हो सकता है लेकिन जानकारी के लिए बता दें कि विवेक शेजवलकर का नाम पार्टी स्तर पर पहले ही तय हो चुका था । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विवेक शेजवलकर को बहुत पहले ही हिंट कर चुका था और संघ के इशारे के बाद से ही शेजवलकर ने अचानक शहर में सक्रियता बढ़ा दी थी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भले ही राजनीतिक दल नहीं है लेकिन भाजपा की राजनीति में उसका पूरा दखल रहता है । भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो भाजपा के अधिकांश महत्वपूर्ण फैसले संघ की सहमति के बिना लागू नहीं होते, ये बात अलग है कि संघ और भाजपा कभी इसे स्वीकार नहीं करते । चुनावों में टिकट वितरण भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण फैसला होता है और इसमें संघ की पसंद भाजपा के लिए सर्वोपरि होती है। ग्वालियर से पार्टी उम्मीदवार घोषित किए गए विवेक शेजवलकर भी संघ की ही पसंद है। भाजपा और संघ से जुड़े सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो विवेक शेजवलकर का नाम बहुत पहले पार्टी फोरम पर पहुंच गया था। संघ ने भी श्री शेजवलकर को हिंट कर दिया था यदि वजह रही कि आज से चार महीने पहले ही महापौर विवेक शेजवलकर ने जनता के बीच सक्रियता बढ़ा दी थी। 04 जनवरी 2019 से महापौर ने “आज की चाय आपके द्वार” कार्यक्रम शुरु कर दिया और वार्ड दर वार्ड जाकर जनता तक सीधी पहुंच बनाई । महापौर के साथ नगर निगम का पूरा अमला रहता और जो जन समस्या पब्लिक बताती उसके निपटारे के निर्देश महापौर तत्काल देते। ये बाात अलग है कि महापौर शेजवलकर के पीठ फेरने के बाद अधिकारी भी वहां से निकल जाते । महापौर का ये कार्यक्रम लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने वाले दिन तक चलता रहा।
![gwalior-bjp-candidate-shejwalkar-was-active-from-January-](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/072120191817_0_shejwalkar1.jpg)
हालांकि चुनावों की तारीखों की घोषणा तक श्री शेजवलकर का नाम बाहर नहीं आया था। शुरुआत में नरेंद्र सिंह तोमर का नाम ग्वालियर सीट के लिए यस और नो में उलझा रहा । पार्टी चाहती थी वो ग्वालियर से लड़े जबकि नरेंद्र सिंह ग्वालियर छोड़ना चाहते थे हालांकि पार्टी अब तोमर की सीट बदलना रणनीति का हिस्सा बता रही है। इस बीच ग्वालियर सीट के लिए पूर्व मंत्री माया सिंह, जयभान सिंह पवैया, यशोधरा राजे सिंधिया, नारायण सिंह, डॉ नरोतत्म मिश्रा, साडा के पूर्व चेयरमैन जयसिंह कुशवाह और सांसद अनूप मिश्रा का नाम भी चला लेकिन फैसला नहीं हो सका । जानकार बताते हैं कि पिछले दिनों 8, 9 और 10 मार्च को ग्वालियर में हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में ही विवेक शेजवलकर का नाम तय हो गया था । इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित संघ के सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे । बैठक में हिस्सा लेने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी ग्वालियर पहुंचे थे । सूत्र बताते हैं कि संघ ने तभी अमित शाह को अपनी पसंद बता दी थी । संघ ने जिन जिन उम्मीदवारों के नाम बताए थे उसमें विवेक शेजवलकर का नाम भी शामिल था ।
शुरुआत से ही संघ से जुड़े रहे हैं शेजवलकर
महापौर विवेक शेजवलकर बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उनके घर में संघ के पदाधिकारी और स्वयंसेवक रुकते रहे हैं भोजन करते रहे हैं। उनके पिता नारायण कृष्ण शेजवलकर जनसंघ से लेकर भाजपा के बड़े नेता रहे हैं वे ग्वालियर सीट से दो बार लोकसभा सांसद रहे एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहे और ग्वालियर के महापौर भी रहे। अटल बिहारी वाजपेयी, कुशाभाऊ ठाकरे सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं को उन्होंने नजदीक से देखा है और उनसे बहुत कुछ सीखा है। संघ परिवार से जुड़े होने के कारण विवेक शेजवलकर बचपन से संघ की शाखाओं में भी जाते रहे हैं । अपनी सहृदयता, मिलनसार व्यक्तित्व, सहज उपलब्धता और बेदाग छवि के कारण ही वे पार्टी नेताओं के साथ संघ पदाधिकारियों की पसंद है।