ग्वालियर जिला कोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों पर FIR के निर्देश दिए, व्यापारी के साथ मारपीट और अवैध निरोध में रखने का है मामला

Atul Saxena
Published on -

Gwalior News : ग्वालियर के जिला कोर्ट ने आज एक व्यापारी से मारपीट करने और उसे अवैध रूप से पुलिस थाने में निरोध में रखने यानि थाने में बंद रखने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों पर एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने ग्वालियर एसपी को जनकगंज थाने में मामला दर्ज कर मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए है। कोर्ट ने पुलिस को 1 जुलाई को पालन प्रतिवेदन के साथ कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश भी दिए है।

फरियादी व्यापारी आशीष जैन के वकील अंकित वशिष्ठ के मुताबिक मामला 8 दिसंबर 2022 का है, उस दिन अशोकनगर में पदस्थ सब इन्स्पेक्टर जय किशोर राजौरिया ग्वालियर आये थे उन्होंने अपनी गाड़ी मेरे पक्षकार की दुकान के सामने खड़ी कर दी और उसे हटाने के लिए कहने पर विवाद करने लगे।

जब दुकानदार भी इसका विरोध करने लगे तो एस आई राजौरिया ने जनकगंज थाने में पदस्थ उनके साथी ब्रजेन्द्र सिंह और नीरज शर्मा को वहां बुलाया। फिर तीनों पुलिसकर्मियों ने मारपीट करते हुए मेरे पक्षकार को जनकगंज थाने की पुलिस जीप में जबरन बैठाया और थाने ले जाकर की और अवैध रूप से बंद कर दिया।

मेरे पक्षकार ने जब इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की तो पुलिस के आला अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की उल्टा इन पुलिसकर्मियों ने मेरे पक्षकार के खिलाफ ही शिकायत दर्ज करा दी।  पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जल्दी ही एक्शन ले लिया। मेरे पक्षकार ने सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन वहां भी झूठे प्रमाण देकर उसे भी बंद करा दिया।

बाद में मेरे पक्षकार ने कोर्ट की शरण ली, यहाँ मामला सुनने के लिए जब जज साहब ने साक्ष्य मांगे तो पुलिस अपनी बात साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं दे पाई । हमने कोर्ट को सीसीटीवी फुटेज दिखाए, घटना स्थल से पुलिस थाने तक के पूरे सीसीटीवी फुटेज और थाने से जुड़े अन्य साक्ष्य भी कोर्ट को दिए।

पूरे साक्ष्य देखने के बाद कोर्ट ने तीनों पुलिसकर्मियों एसआई  जय किशोर राजौरिया, प्रधान आरक्षक ब्रजेन्द्र सिंह और प्रधान आरक्षक नीरज शर्मा के खिलाफ जनकगंज थाने में ही एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए, कोर्ट ने एसपी को निर्देश दिए कि जाँच निष्पक्ष होनी चाहिए और इन मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी उस दिन पुलिस इसकी पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट के साथ कोर्ट में पेश हो।

 ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News