Gwalior News : समर कैम्प के दौरान स्कूल में लगी आग, बच्चों को सुरक्षित निकाला, इलेक्ट्रिक स्कूटर ने चार्जिंग के दौरान पकड़ी आग

स्कूल स्टाफ ने आग पर पानी डाल कर उसे बुझाने प्रयास शुरू किये और उधर बच्चों को भी सुरक्षित स्कूल बिल्डिंग से बाहर निकाला, इस बीच सूचना देने पर पहुंची नगर निगम की फायर ब्रिगेड ने तेज प्रेशर से आग पर पानी डालकर काबू पाया, अच्छी बात ये रही कि स्कूल स्टाफ और अन्य लोगों की समझदारी से एक बड़ा हादसा टल गया। 

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर की एक कॉलोनी में स्थित एक स्कूल में आग लगने से अफरा तफरी मच गई, घटना के समय स्कूल में समर कैम्प चल रहा था, स्टाफ ने तत्काल बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड में आग पर काबू पाया, स्कूल बिल्डिंग में रखी इलेक्ट्रिक स्कूटर  जलकर खाक हो गया लेकिन एक बड़ा हादसा टल गया, बताया जा रहा है स्कूटर चार्ज पर लगा था तभी उसमें आग लग गई।

स्कूल में चल रहा था समर कैम्प, बिल्डिंग में लग गई आग  

जानकारी के मुताबिक पड़ाव थाना क्षेत्र के कांति नगर में एक स्कूल है माय छोटा स्कूल, ये जिस बिल्डिंग में संचालित होता हैं वहां रखे एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आज अचानक आग लग गई, देखते ही देखते आग ने बड़ा रूप ले लिया, बड़ी बात ये है कि घटना जिस समय हुई उस समय स्कूल में समर कैम्प चल रहा था और छोटे छोटे बच्चे मौजूद थे।

सभी बच्चों को सुरक्षित निकाला, आग पर पाया काबू 

स्कूल स्टाफ ने आग पर पानी डाल कर उसे बुझाने प्रयास शुरू किये और उधर बच्चों को भी सुरक्षित स्कूल बिल्डिंग से बाहर निकाला, इस बीच सूचना देने पर पहुंची नगर निगम की फायर ब्रिगेड ने तेज प्रेशर से आग पर पानी डालकर काबू पाया, अच्छी बात ये रही कि स्कूल स्टाफ और अन्य लोगों की समझदारी से एक बड़ा हादसा टल गया।

चार्जिंग पर लगा था इलेक्ट्रिक स्कूटर तभी पकड़ी आग 

बताया जा रहा है कि जिस बिल्डिंग में स्कूल संचालित होता है वो माधव इंजीनियरिंग कॉलेज MITS में कार्यरत शिव पटेल का है, वे कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी और उन्होंने इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज पर लगा रखा था तभी उसमें आग लग गई और ये हादसा हो गया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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