Gwalior News : हिंदू महासभा ने की अंजू के पिता गया प्रसाद की जांच की मांग, लगाये गहरे षड्यंत्र के आरोप, एसपी को सौंपा ज्ञापन

Atul Saxena
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Gwalior News :  भारत से पाकिस्तान गई अंजू के मामले में अब हिंदू महासभा से मैदान में उतर आई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर पर छानबीन के आधार में एसपी को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है, हिन्दू महासभा के नेताओं ने आज एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन कर आरोप लगाये कि हिंदू से इसाई बने अंजू के पिता गया प्रसाद की जांच कराई जाये। महा सभा ने इसमें धर्मान्तरण के बड़े खेल की आशंका जताई और अंजू के पाकिस्तान जाने को एक बड़ा षड्यंत्र बताया।

हिंदू महासभा ने एसपी को सौंपा ज्ञापन 

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ जयवीर भारद्वाज ने पार्टी की संभाग और जिला इकाई के नेताओं के साथ आज एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की, डॉ भारद्वाज ने एसपी राजेश सिंह चंदेल को दो सूत्रीय ज्ञापन सौंपा जिसमें बड़ा बिंदु अंजू के पिता  गया प्रसाद थॉमस (वर्मा ) से जुड़ा हुआ है।

पार्टी के 11 सदस्यीय दल ने की छानबीन, लगाये कई गंभीर आरोप  

उन्होंने कहा कि अंजू देश के लिए कलंक है, हमारे 11 सदस्यीय दल ने अपने स्तर पर छानबीन कर ये पाया कि ये लोग विदेशी  शक्तियों से कहीं जुड़े हो सकते हैं, ये हिंदू से ईसाई बने हैं इन लोगों ने और भी कई लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिय प्रेरित किया है।

हिंदू महासभा ने की अंजू के पिता गया प्रसाद की जांच की मांग 

डॉ जयवीर भारद्वाज ने कहा कि अंजू के पिता गया प्रसाद की जांच होनी चाहिए क्योंकि वो BSF केंद्र के पास रहता है, उसके परिजन BSF में हैं यदि ये लोग जाँच में दोषी पाए जाते हैं तो इन्हें सजा मिलनी चाहिए जिससे देश की रक्षा हो सके, हिन्दू महा सभा नेता ने कहा कि अंजू का पिता गया प्रसाद भिंड का रहने वाला है वहां से ये ग्वालियर आया और फिर हिंदू से ईसाई बन गया इसलिए हमें आशंका है कि गया प्रसाद ईसाई मिशनरीज और पाकिस्तान को भारत की जानकारी उपलब्ध करा सकता है, हिन्दू महासभा ने एसपी से ताजियों के साथ डीजे निकाले जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये पहले से ही प्रतिबंधित है इसे रोका जाये।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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