Gwalior News : अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश, एटीएम बूथ में फर्जी हेल्पलाइन नंबर चिपकाए, मशीन में गड़बड़ी कर करते थे फ्रॉड

Amit Sengar
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Gwalior Crime News : ग्वालियर एसपी अमित सांघी को कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि जब वे एटीएम बूथ से रुपये निकालने गये तो जैसे ही उन्होंने अपना एटीएम कार्ड मशीन में डाला तो उनका एटीएम मशीन में ही गिर गया और उसके बाद उन्होने एटीएम मशीन के अन्दर चिपकाए हुए एटीएम हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया तो हेल्पलाइन नंबर वालों ने उनका एटीएम पिन पूछकर मशीन में डलवाया और बताया कि आपकी कंप्लेंट दर्ज कर ली गई है। उसके कुछ समय बाद आवेदकों के मोबाइल पर खाते से रुपये कटने के मैसेज आये। इस प्रकार दो खाताधारकों से 70,000 रुपये व 42,000 रुपये कुल 1,12,000 रुपये की ठगी कर ली गई।

शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने शहर में एटीएम बूथ से लोगों के साथ ठगी करने वाले अपराधियों पर एक्शन के लिए एडिशनल एसपी क्राइम राजेश डण्डोतिया को क्राइम ब्रांच की सायबर टीम के साथ पकड़ने के निर्देश दिये।

Xuv कार सहित ATM कार्ड और फर्जी नंबर के पंपलेट जब्त

एडिशनल एसपी ने क्राइम ब्रांच थाने में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। पुलिस को तफ्तीश के दौरान मालूम चला कि कोई बाहरी गैंग है जो शहर में एटीएम पर जाकर उक्त नये तरीके के सायबर फ्रॉड को अंजाम दे रही है। सायबर टीम द्वारा बैंक से एटीएम बूथ के सीसीटीवी फुटेज व तकनीकी जानकारी के आधार पर उक्त गैंग की तलाश की गई। इसी दौरान एसपी को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि उक्त गैंग के कुछ संदिग्ध सदस्य एक्सयूवी 300 कार सहित देखे गये हैं, सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की सायबर क्राइम टीम को बदमाशों को पकड़ने हेतु लगाया । पुलिस टीम ने उक्त गैग के तीन आरोपियों को कार सहित पकड़ लिया । पकड़े गये आरोपियों से एक एक्सयूवी 300 कार, 27 एटीएम कार्ड, 25,000/-रुपये नगद, 7 मोबाइल फोन, फर्जी हेल्पालइन नंबर की पंपलेट, एटीएम खोलने की मास्टर चाबी व एटीएम खोलने की अन्य सामग्री व एटीएम कार्ड के माध्यम से शॉपिंग किये गये कपडे बरामद की गई।

ऐसे करते थे एटीएम से फ्रॉड

आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि आरोपीगण पहले अपनी गाड़ी से घूमकर ऐसे एटीएम को चिन्हित करते थे जिसको मास्टर चाबी से खोला जा सके फिर एटीएम बूथ को चिन्हित करने के बाद आरोपी एटीएम मशीन को खोलकर जिस स्लॉट में एटीएम कार्ड फंसाया जाता है उसका स्क्रू खोल देते थे जिससे जब भी कोई एटीएम कार्ड मशीन में लगाता है तो उसका एटीएम कार्ड मशीन के अन्दर चला जाता था। उक्त गैंग में से एक या दो सदस्य पहले से ही एटीएम बूथ के अन्दर खड़े रहते थे एवं जिस व्यक्ति का एटीएम कार्ड मशीन के अन्दर चला जाता था तो पीछे खडा व्यक्ति बोलता था कि हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर लो जब कस्टमर द्वारा हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया जाता तो इसी गैंग का एक व्यक्ति जो कि एटीएम बूथ से दूर खड़ी कार में बैठकर बैंक कर्मचारी बनकर बात करता था तथा कस्टमर से एटीएम मशीन में एटीएम पिन डालने के लिए बोलता, जब कस्टमर अपना एटीएम पिन एटीएम मशीन में डालता है वहीं पर खड़े गैंग के सदस्य एटीएम पिन देख लेता थे। कस्टमर से बैंक का कर्मचारी वाला सदस्य बोलता है कि सर यदि आपका एटीएम अभी मशीन से नहीं निकल पा रहा है तो मैं यहाँ आपकी कंप्लेंट नोट कर लेता हूँ कुछ समय बाद हमारा इंजीनियर आयेगा और एटीएम मशीन से आपका एटीएम निकालकर बैंक में जमा करा देगा, आप अपनी ब्रांच से जाकर अपना एटीएम ले सकते है। यह लोग कस्टमर के जाने के कुछ समय पश्चात एटीएम को मास्टर चाबी से खोलकर एटीएम कार्ड निकाल किसी अन्य एटीएम बूथ से रुपये निकाल लेते थे। यह लोग एटीएम कैश की लिमिट पूरी हो जाने पर किसी शोरूम पर जाकर शॉपिंग कर लेते थे।

Gwalior News : अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश, एटीएम बूथ में फर्जी हेल्पलाइन नंबर चिपकाए, मशीन में गड़बड़ी कर करते थे फ्रॉड

कई राज्यों में कर चुके हैं वारदात, बिहार के रहने वाले हैं

आरोपी गणों द्वारा पूछताछ में बताया गया कि मूलतः बिहार के रहने वाले है करीब बीस दिन पहले 05 सदस्य अपनी एक्सयूवी कार से घटना करने के उद्देश्य से बिहार से निकले थे। इस दौरान आरोपी गणों द्वारा इटावा, भिंड, ग्वालियर, मुरैना, पोरसा, आगरा, दिल्ली में घटना को अंजाम दिया आरोपियों द्वारा बताया गया कि जिस जगह पर घटना करते थे उस जगह से कई किलोमीटर दूर जाकर महंगे होटलों में रुकते थे। उक्त गैग के दो सदस्य फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

पुलिस ने लोगों को दी ये सलाह

ग्वालियर पुलिस ने शहर के लोगों से अपील की है कि एटीएम से रुपये निकालते समय ध्यान रखें कि पीछे खड़ा व्यक्ति आपका एटीएम पिन न देख पाये हमेशा अपना एटीएम पिन छिपा कर डालें व फोन पर किसी को भी अपना एटीएम पिन न बताएं और बैंक में जाकर शिकायत दर्ज करायें।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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