Gwalior News : ग्वालियर के बहोड़ापुर क्षेत्र ने बीती रात एक तीन मंजिला मकान में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया, अग्निकांड में तीन लोगों की जाना चली गई जिसमें पिता और उनकी दो बेटियां शामिल हैं, घटना के बाद से पूरे मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है।
आधी रात को तीन मंजिला मकान में आग लगी
दरअसल बहोड़ापुर के कैलाश नगर में रहने वाले विजय गुप्ता के तीन मंजिला मकान में रात को करीब डेढ़ बजे अचानक आग की तेज लपटें उठीं और उन्होंने तीन मंजिला मकान को पल भर में ही अपनी चपेट में ले लिया, शोर शराबे से पड़ोसियों की नींद खुली तो फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
आग की लपटों में घिर गए पिता और दो बेटियां
फायर ब्रिगेड के आने तक पड़ोसियों ने मदद की कोशिश की, नीचे विजय गुप्ता ड्राई फ्रूट्स की दुकान थी आग उसमें में से लगी, ऊपर विजय गुप्ता अपनी दो बेटियों के साथ था, वे बचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन आग के कारण बाहर नहीं आ सके, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड में पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया और जब तक मकान की दीवार जो काटकर अन्दर पहुंचे तब तक वहां तीन शव पड़े था।
बचाव दल ने दीवार काटकर निकाले तीनों के शव
बचाव दल ने तीनों शवों को निकाला और उन्हें सीपीआर देने की कोशिश लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, घटना में 45 साल के विजय गुप्ता , उनकी 22 साल की बड़ी बेटी और 17 साल की छोटी बेटी की मौत हो गई बेटियों के नाम वंशिका, अंशिका बताये गए हैं।
पत्नी, बेटे को लेकर गई थी मायके, बच गई जान
घटनास्थल पर मौजूद मृतक विजय गुप्ता के भाई सुरेश गुप्ता ने बताया कि हमें तो सूचना मिली तब हम यहाँ आये, फायर ब्रिगेड में बहुत मुश्किल से आग पर काबू पाया है, उन्होंने कहा कि मेरा भाई और दो भतीजियों की मौत है, भाई की पत्नी बेटे को लेकर मायके गई थी इसलिए उसकी जान बच गई वर्ना उसकी भी मौत हो जाती।
एसपी बोले घटना बहुत दुखद, आग के कारणों को जानने का प्रयास है
उधर आज सुबह घटना स्थल पर पहुंचे एसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि घटना बहुत दुखद है, हम कारणों की जाँच कर रहे हैं, इनकी ड्राई फ्रूट्स की दुकान हैं नारियल तेल का कारोबार है संभवतः शार्ट सर्किट हुआ होगा, चूँकि मकान बहुत सकरा है बाहर निकलने के लिए एक ही रास्ता है, आग की लपटों के कारण ये लोग बाहर नहीं निकल पाए होंगे इसलिए दम घुटने से तीन लोगों की मौत हो गई।
लोगों का गुस्सा, देर से पहुंची फायर ब्रिगेड
उधर स्थानीय लोग फायर ब्रिगेड को लेकर नाराजगी जता रहे हैं, लोगों का कहना है फायर ब्रिगेड बहुत देर से पहुंची, उनके पास पूरा सामान नहीं था उन्होंने बचाव कार्य देर से शुरू किया, यदि गाड़ियाँ और बचाव दल जल्दी पहुंच जाता ट संभव है किसी की जान बच सकती थी।