Gwalior News : गाड़ी में रखा रुपयों से भरा बैग लेकर भागा नाबालिग, जनता ने पकड़ा, पुलिस को सौंपा

नाबालिग के भागते ही बाजार में खड़े लोगों ने उसके पीछे दौड़ लगा दी और थोड़ी दूर के बाद उसे दबोच लिया, इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी तो पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, जनता ने आरोपी नाबालिग को पुलिस को सौंप दिया, पुलिस ने बैग खुलवाकर चैक कराया तो नरेंद्र ने रकम पूरी होना बताया। 

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो नाबालिगों की मदद से रुपयों से भरे बैग चोरी करवाता है और गायब हो जाता है, उसी गैंग का एक नाबालिग सदस्य पुलिस की हिरासत में आया है जिसे जनता ने उस समय पकड़ा जब वो एक गाड़ी से रुपयों से भरा बैग चोरी कर फरार हो रहा था, पुलिस ने उसके कब्जे से बैग में रखे साढ़े तीन लाख रुपये बरामद कर लिए हैं।

गाड़ी में रखा रुपयों से भरा बैग लेकर भागा नाबालिग  

जानकारी के मुताबिक ग्वालियर जिले के भितरवार अनुभाग के गाँव मस्तुरा के रहने वाले नरेंद्र सिंह जाट फसल बेचने बाजार आये थे, उन्होंने फसल बेचने के बाद बैंक जाकर साढ़े तीन लाख रुपये निकाले और बैग लाकर अपनी गाड़ी में रख दिया, तभी एक नाबालिग वहां आया बैग उठाकर भागने लगा।

जनता ने पीछा कर नाबालिग को पकड़ा पुलिस को सौंपा, पूरी रकम बरामद   

नाबालिग के भागते ही बाजार में खड़े लोगों ने उसके पीछे दौड़ लगा दी और थोड़ी दूर के बाद उसे दबोच लिया, इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी तो पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, जनता ने आरोपी नाबालिग को पुलिस को सौंप दिया, पुलिस ने बैग खुलवाकर चैक कराया तो नरेंद्र ने रकम पूरी होना बताया।

पुलिस की अपील, अपनी कीमती चीजों और बैग का ध्यान जनता भी खुद रखे 

एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि ग्वालियर में एक गैंग सक्रिय है जो बच्चों के माध्यम से बैग चोरी , बैग लूट करवाती है, फ़िलहाल आरोपी को हिरासत में लेकर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है, उससे उसके साथियों के बारे में पूछताछ की जाएगी, उन्होंने जिले के लोगों से अपील की है कि वे अपनी कीमती चीजों का खुद से ध्यान रखें जिससे उसे कोई चुरा न पाए।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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