Gwalior News : उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए नारायण हरि उर्फ़ भोले बाबा के सत्संग में जान गंवाने वाले 121 लोगों के परिजन शोक में हैं , जो घायल हुए उनके परिवार वाले चिंता में हैं लेकिन खुद को भगवान बताने और सबकी परेशानियों को दूर करने का दावा करने वाला बाबा गायब है। बाबा ने सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदनाएं जता कर अपना दायित्व पूरा कर लिया है। उधर उत्तर प्रदेश के साथ साथ अन्य राज्यों की पुलिस भी भोले बाबा की कुंडली खंगालने में लगी है।
हाथरस हादसे की शिकार रामश्री बाई का परिजनों ने अंतिम संस्कार किया
भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में ग्वालियर की रामश्री बाई की भी मौत हो गई, कल शव मिलने के बाद परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। घटना के बाद ग्वालियर पुलिस ने जब इसकी तफ्तीश की तो मालूम चला कि रामश्री बाई के साथ और महिलाएं भी हाथरस गई थी लेकिन वे सुरक्षित है। पुलिस एक्टिव हुई तो मालूम चला कि ग्वालियर और इसके आसपास भोले बाबा के कई अनुयायी हैं और उसका ग्वालियर में एक आश्रम भी है।
ग्वालियर के तिघरा रोड पर था भोले बाबा का आश्रम
पुलिस को पता चला कि तिघरा रोड पर झंडा का पुरा गांव के हरि विहार में बाबा का एक आश्रम है उसने एक मकान को किराये पर लेकर आलीशान आश्रम बना रखा था। पुलिस जब आश्रम पर पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला, वहां टेंट, नेट से ढका आश्रम पुलिस को मिला है। पूछताछ में सामने आया कि बाबा यहां किराए से रहता था और दो महीने पहले ही अपने सेवादारों के साथ मकान को खाली करके चला गया।
यहाँ कर चुका है बड़े बड़े सत्संग आयोजन
आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि नारायण हरि उर्फ़ भोले बाबा पिछले कुछ साल से यहाँ आता जाता रहा है , कुछ दिन रुक कर सत्संग करता था, जिसमें बहुत भीड़ जुटती थी, मालूम चला कि बाबा ने 2023 में तिघरा रोड पर सहारा सिटी के खाली पड़े मैदान पर बहुत बड़ा सत्संग किया था फिर इसी साल ग्वालियर मेला ग्राउंड में भी सत्संग किया था।
दो महीने पहले ग्वालियर आश्रम को खाली किया
मकान मालिक राम अवतार कुशवाह ने पुलिस को बताया कि दो महीने पहले हमने अपने मकान को खाली करा लिया था अब बाबा का इससे को सम्बन्ध नहीं है, वे मैनपुरी का बोलकर यहाँ से चले गए हैं, मकान मालिक ने कहा कि यहाँ कोई आश्रम संचालित नहीं होता।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट