Gwalior News : कैफे में तोड़फोड़ और फायरिंग करने वाले बदमाशों का पुलिस ने निकाला जुलूस

Atul Saxena
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Gwalior News :  ग्वालियर के एक कैफे में कल शनिवार को तोड़फोड़ करने और फायरिंग करने वाले पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उनका सड़क पर जुलूस निकाला, घटना में शामिल कुछ और आरोपी अभी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।

बर्थडे पार्टी में हुआ विवाद, कैफे संचालक के साथ गाली गलौज 

जानकारी के मुताबिक बिरलानगर पुल के पास यूनिक कैफे है यहाँ शनिवार को करीब कुछ लड़के पहुंचे, ये लड़के कैफे में बर्थ डे पार्टी मनाने पहुंचे थे, इन लड़कों का किसी बात पर कैफे संचालक से विवाद हो गया, विवाद के बाद लड़कों ने वहां गाली गलौज शुरू कर दी, विवाद बढ़ता देख कैफे संचालक ने लड़कों को बाहर निकाल दिया।

बदमाशों ने कैफे में की तोड़फोड़, फायरिंग की 

कैफे से निकलने के बाद रात को करीब 10 बजे 8-10 लड़के बाइक पर सवार होकर हथियारों से लैस होकर कैफे पर पहुंचे, उन्होंने कैफे में तोड़फोड़ की और गाली गलौज करते हुए फायरिंग की और भाग गए, घटना की सूचना कैफे संचालक ने हजीरा थाना पुलिस को दी।

पुलिस ने पांच आरोपी गिरफ्तार किये 

पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और बदमाशों की तलाश शुरू की । सीएसपी रवि भदौरिया ने बताया कि घटना के बाद से ही आरोपियों की तलाश में पुलिस पार्टियाँ लगी थी, शनिवार रात से आज रविवार दिन तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, इन्हें घटनास्थल पर ले जा कर सीन का रिक्रियेशन किया गया और उनके घटना में प्रयुक्त अवैध हथियार कट्टे बरामद किये गए हैं।

जुलूस निकालकर पुलिस ने दिया बदमाशों को सन्देश 

पुलिस जब आरोपियों को घटनास्थल पर ले जा रही थी तब जुलूस जैसा माहौल हो गया , बदमाशों की लेकर पुलिस आगे आगे चल रही थी पब्लिक उनके पीछे पीछे चल रही थी। सीएसपी ने कहा कि पूछताछ में पता चला है कि ये बदमाश अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अवैध हथियारों का प्रदर्शन भी करते हैं, उन्होंने कहा कि बदमाश ये स्पष्ट समझ लें कि जो कोई भी कानून तोड़ेगा और जनता को परेशान करेगा पुलिस उसे छोड़ेगी नहीं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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