Gwalior News : लापरवाही पड़ी भारी, नोटिस का भी नहीं दिया जवाब, पंचायत सचिव निलंबित

जांच समिति द्वारा भी मृत्यु प्रमाण-पत्र में लापरवाही बरतने का आरोप पाया गया। इस संबंध में पंचायत सचिव को कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किया गया है, जिसका कोई जवाब प्राप्त न होने पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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Gwalior News : ग्वालियर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने एक लापरवाह ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है और उसकी जगह ग्राम रोजगार सहायक को जिम्मेदारी सौंप दी है, आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में ग्राम पंचायत सचिव का मुख्यालय जिला पंचायत ग्वालियर रहेगा।

ग्राम पंचायत कल्याणी के सचिव रामलखन सिंह गुर्जर निलंबित 

ग्राम पंचायत कल्याणी के सचिव रामलखन सिंह गुर्जर द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही, उदासीनता एवं वरिष्ठों के आदेशों की अवहेलना क करने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विवेक कुमार ने मध्यप्रदेश पंचायत सेवा अनुशासन एवं अपील नियम 2011 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि मे गुर्जर का मुख्यालय जिला पंचायत ग्वालियर रहेगा। गुर्जर के निलंबन होने के फलस्वरूप ग्राम पंचायत कल्याणी का समस्त सचिवीय प्रभार ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत कल्याणी जनपद पंचायत डबरा को सौंपा गया है।

मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में लापरवाही की, नोटिस का भी नहीं दिया जवाब 

निलंबित ग्राम पंचायत सचिव गुर्जर के विरुद्ध हेमंत जाटव पुत्र स्व. सुरेश जाटव निवासी कल्याणी द्वारा शिकायत की गई थी कि उसके पिताजी का निधन हो गया है। पिताजी के मृत्यु प्रमाण-पत्र हेतु आवेदन पत्र पंचायत सचिव रामलखन गुर्जर को प्रस्तुत किया गया है। किंतु उनके द्वारा मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रदान नहीं किया गया है। शिकायत की जांच हेतु दो सदस्यीय समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच समिति द्वारा भी मृत्यु प्रमाण-पत्र में लापरवाही बरतने का आरोप पाया गया। इस संबंध में पंचायत सचिव को कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किया गया है, जिसका कोई जवाब प्राप्त न होने पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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