ग्वालियर। स्व रोजगार के लिए चलाई जा रही चार प्रमुख योजनाओं का ग्वालियर जिले में बुरा हाल है। इसका खुलासा 25 दिसंबर उस समय हुआ जब पदभार ग्रहण करने के बाद नवागत कलेक्टर भरत यादव ने बैंकर्स की बैठक ली। बैंक अधिकारियों की बैठक में जब कलेक्टर भरत यादव ने बेरोजगारों को दिए जाने वाले लोन प्रकरणों की प्रगति पूछी तो बैंकर्स खुल कर कुछ नहीं कह सके। मामला समझ कर उन्होंने लोन देने में पिछड़ी योजनाओं का टारगेट 15 फरवरी तक पूरा कर लेने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ऑफर दिया कि यदि अफसर 20 जनवरी तक अच्छा काम करेंगे तो उन्हें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में सम्मानित किया जायेगा। उधर इन योजनाओं की हकीकत ये है कि जो गति अभी है उस हिसाब से 15 फरवरी तो दूर 31 मार्च तक भी टारगेट पूरा नहीं हो सकेगा।
मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना : इस योजना में बेरोजगार को 50 हजार रुपये तक का लोन मिलता है। जिले के लिए इस योजना का टारगेट 1366 है लेकिन अभी तक सिर्फ 741 प्रकरणों में ही पैसा दिया गया है। आज भी बहुत से प्रकरण बैंक में पेंडिंग हैं। ये योजना राज्य सरकार के आठ विभागों में संचालित है।
मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना : इसके तहत बेरोजगार को 10 लाख तक का लोन दिया जाता है। जिले का टारगेट 2346 है लेक8न अभी तक बैंकों से 1024 प्रकरणों में ही लोन दिया गया है। अलग अलग बैंकों में 722 प्रकरण लंबित हैं। ये योजना भी आठ विभागों में संचालित है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना : इस योजना में उद्यम लगाने के लिए 1 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाता है। जिले का टारगेट 51 है लेकिन अभी तक केवल 8 लोगों को ही लोन दिया जा सका है। चार प्रकरण अलग अलग बैंकों में पेंडिंग हैं। इस योजना का संचालन तीन विभाग करते हैं। सबसे बुरी स्थिति इसी योजना की है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना: उद्योग, खादी बोर्ड और कड़ी आयोग इस योजना में 25 लाख तक का लोन दिलवाते हैं इस योजना का टारगेट 51 है लेकिन अभी तक केवल 19 में ही मंजूरी मिली है। आठ प्रकरण अलग अलग बैंकों में लंबित है।