मंत्री के इशारे पर किसानों और श्रमिकों के साथ अन्याय

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ग्वालियर/ डबरा| कमलनाथ ने सरकार आते समय नारा भले ही” वक्त है बदलाव का” दिया था लेकिन लगता है सरकार में कुछ नहीं बदला। बात  ग्वालियर जिले की डबरा तहसील की है जहां पर प्राइवेट शुगर कंपनी ‘द ग्वालियर शुगर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड’ के संचालक वर्षों से श्रमिकों और किसानों का करोड़ रूपया दबाये बैठे हैं। बीजेपी की सरकार में एक प्रभावशाली मंत्री के दबाव के चलते इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और जैसे ही सत्ता बदली इन लोगों ने कांग्रेस सरकार के एक मंत्री का दामन थाम लिया। बिना श्रम विभाग की अनुमति के पिछले 10 सालों से फैक्ट्री में ताला डाले बै���े संचालकों ने फैक्ट्री की मशीनरी का सौदा प्रदेश के एक मंत्री के खासम खास से कर लिया लेकिन जब वह सामान ले जाने लगा तो फैक्ट्री श्रमिको और किसानों ने विरोध कर दिया जिसके चलते तत्कालीन एसडीएम शीतल पटले ने फैक्ट्री के गेट पर  सील बंदी कर दी। प्रशासन ने साफ तौर पर संचालकों से कह दिया कि जब तक श्रमिको और किसानों का पेमेंट नहीं हो जाता  वे ताला नहीं खोलेंगे लेकिन कांग्रेस सरकार में आते ही नये नवेले मंत्री के खासम खास ,जिसने मशीनरी का सौदा किया था, प्रशासन पर दबाव बनाया और बुधवार की सुबह से ही फैक्ट्री का सारा सामान ट्रकों में ले जाए जाने लगा। 

किसान और श्रमिको को जैसे ही इसकी भनक लगी हुई, फैक्ट्री के गेट पर इकट्ठे हो गए और उन्होंने जबरदस्त विरोध किया। जैसे इस बात की सूचना पुलिस को लगी पुलिस आ गई लेकिन बजाएं सामान ले जाने वालों पर कार्रवाई की उल्टा किसानों को ही धमकाया जाने लगा। लेकिन किसान नहीं माने और उनके विरोध के चलते आखिरकार पुलिस को सामान ले जाने की कार्रवाई रोकनी पड़ी। अब सवाल यह है कि जब एसडीएम ने फैक्ट्री की सील बंदी कर दी थी तो किस आधार पर फैक्ट्री का गेट तोड़ा गया और गेट तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी या नहीं और श्रमिको और किसानों का करोङो रुपए का भुगतान आखिरकार कमलनाथ की सरकार भी कराएगी या फिर शिवराज सरकार की तरह एक बार फिर किसान और श्रमिक ठगे जाएंगे।


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