दुष्कर्म पीड़िता के परिवार द्वारा गांव छोड़ने पर जीतू पटवारी ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- यह अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण

जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया कि वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं एवं गृहमंत्री भी हैं, जन सुरक्षा की आपकी जवाबदेही है, कानून व्यवस्था आपकी जिम्मेदारी है। इसलिए पलायन के विकल्प के बजाय पीड़ित परिवार को सुरक्षा का एहसास कराएं नहीं तो माना जाएगा की सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। 

Jitu Patwari

Gwalior News : ग्वालियर के भंवरपुरा थाना क्षेत्र में 15 वर्षीय नाबालिग आदिवासी के परिवार ने दुष्कर्म की घटना के बाद खदान का काम बंद कर गांव छोड़ दिया है, अब इसपर सियासत शुरू हो गई है, हालाँकि ग्वालियर पुलिस ने घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और शेष एक की तेजी से तलाश जारी है लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने परिवार द्वारा गांव छोड़े  जाने पर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

माता पिता ने छोड़ा गांव पुलिस बोली सुरक्षा के चलते शिवपुरी भेजा  

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने पटवारी ने कहा कि ग्वालियर के भंवरपुरा में जिस 15 साल की बच्ची से गैंगरेप किया गया, उसके परिवार को गांव छोड़ना पड़ा है। शुक्रवार शाम बच्ची के पिता को अपना रोजगार भी छोड़ना पड़ा। आरोपी व उनके रिश्तेदार एक ही गांव के हैं इसलिए पुलिस कहना है कि गांव में परिवार को जान का खतरा है तथा पुलिस निगरानी में पीड़ित परिवार को शिवपुरी भेजा गया है।

पीसीसी अध्यक्ष का सवाल, क्या प्रवृत्ति आपराधिक मानसिकता को प्रोत्साहन नहीं देती?

जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से सवाल किया है कि यदि प्रदेश की पुलिस पीड़िता को सुरक्षा देने की बजाय इस बात की काउंसलिंग कर रही है कि गांव में उनकी जान को खतरा है तो क्या यह प्रवृत्ति आपराधिक मानसिकता को प्रोत्साहन नहीं देती है? उनके मन से दंड का डर क्या कम नहीं हो जाता है?

जीतू पटवारी का हमला-  ये अपराधियों के सामने सरकार का आत्मसमर्पण 

उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया कि वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं एवं गृहमंत्री भी हैं, जन सुरक्षा की आपकी जवाबदेही है, कानून व्यवस्था आपकी जिम्मेदारी है। इसलिए पलायन के विकल्प के बजाय पीड़ित परिवार को सुरक्षा का एहसास कराएं नहीं तो माना जाएगा की सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News