लैंड रिकॉर्ड मुख्यालय ग्वालियर के क्लर्क संजय भागवानी के घर शुक्रवार को सुबह शुरू हो लोकायुक्त की कार्रवाई रात को पूरी हो सकी। लोकायुक्त की 40 सदस्यीय टीम ने संजय के साथ उसके साले प्रदीप उर्फ़ गौरव सचदेवा के ठिकानों पर भी कार्रवाई की । जिसमें ये दोनों आलीशान तीन मंजिला और दो मंजिला मकानों, दुकानों, प्लॉट्स, सोने चांदी के जेवरात,लक्जरी घरेलू सामान और लाखों की बीमा पॉलिसी के स्वामी निकले।
पानी की टंकी में मिली जेवरों की पोटली
लोकायुक्त डीएसपी धर्मवीर सिंह भदौरिया के नेतृत्व में इन्स्पेक्टर कविन्द्र सिंह चौहान और आराधना डेविस के साथ टीम शुक्रवार की सुबह करीब 6 बजे संजय भागवानी के द्वारिकापुरी स्थित तीन मंजिला मकान पर पहुंची। लोकायुक्त टीम को देखकर संजय और उसके परिवार ने आधे घंटे तक दरवाजा नहीं खोला और ये समय सोना चांदी छिपाने में लगाया। टीम इसी समय द्वारिकापुरी मे सिल्वर शाइन श्रुति एन्क्लेव में रहने वाले संजय के साले गौरव उर्फ़ प्रदीप सचदेवा के फ्लेट पर भी पहुंची । संजय ने जब दरवाजा नहीं खोला तो संजय के साले गौरव से फोन करवाकर पुलिस ने दरवाजा खुलवाया। पुलिस ने सबसे पहली अलमारी खोली तो वो साफ़ मिली लेकिन जब पुलिस की नजर छत की तरफ जाने वाले जीनों पर पड़ी तो उसने जाकर ऊपर देखा जहाँ पानी की टंकी में लाल कपड़े की पोटली में जेवरात रखे मिले। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया।
ये सम्पति मिली
लोकायुक्त टीम को संजय भागवानी के पास से द्वारिकापुरी में तीन मंजिला मकान मिला जिसकी कीमत करोड़ो में है टीम तत्काल इसका असिस्मेंट नहीं कर पाई। इसके अलावा गांधीनगर में पुश्तैनी मकान आई-26 मिला जिसकी कीमत 1 करोड़ के करीब बताई गई। दोनों घरों में 26 लाख रुपये का सामान ,384 ग्राम सोना,450 ग्राम चांदी( कुल कीमत करीब 8 लाख रुपए) , 5 लाख रुपये की बीमा पालिसी, फलका बाजार और शिंदे की छावनी में तीन दुकानें, दो प्लॉट और एक अन्य मकान की रजिस्ट्री के कागजात मिले जिसकी कीमत 31 लाख 54 हजार बताई गई।
साला कुछ नहीं करता फिर भी लखपति
संजय भागवानी का साला गौरव फ़िलहाल कोई काम धंधा नहीं करता उसकी पत्नी की फालका बाजार में बुटीक है लेकिन वो भी बंद है फिर भी ये लक्जरी लाइफ़ जी रहा है। इसके पास से श्रुति एन्क्लेव का फ्लेट जिसकी कीमत लाखों रुपये है । साढ़े नौ लाख का घरेलू सामान और करीब 5 लाख की बीमा पालिसी के कागजात मिले।
तीन साल से चल रहा है सस्पेंड
संजय भगवानी ने भू अभिलेख आयुक्त कार्यालय में 1992 में सर्विस ज्वाइन की थी। ये शुरुआत में 6 साल तक स्टोर में पदस्थ रहा जहाँ उसकी शिकायत अधिकारियों के पास पहुंची। उसे सितम्बर 2016 में निलंबित कर दिया गया और विभागीय जाँच बैठा दी गई। तभी से ये निलंबित चल रहा है।
ढाई करोड़ की चोरी से चर्चा में आये थे जीजा-साले
संजय भगवानी का मामला तब सामने आया जब उसके घर में 2016 में चोरी हुई । संजय ने पड़ाव थाने में साढ़े चार लाख रुपये की चोरी होना बताया । संजय ने चोरी का संदेह भतीजे नितिन भागवानी और उसके दोस्तों पर जताया लेकिन जब पुलिस ने नितिन और उसके साथी रवि और वैभव को पकड़ा तो उनके पास से 1 करोफ 48 लाख रुपये बरामद हुए । पुलिस ने जब पूछ ताछ की तो संजय ने साढ़े चार लाख अपने बताये और गौरव ने सवा करोड़ खुद के बताये और शेष रकम उधारी की बताई। लेकिन गौरव आय साबित नहीं कर सका । उसने 1 करोड़ 20 लाख सात लोगों से उधार लेना बताया लेकिन उनके नाम नहीं बता सका। जिसके बाद पुलिस का शक बढ़ा और मामला लोकायुक्त तक पहुंचा।