ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मोदी सरकार ने एक बार फिर मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है। ग्वालियर के जानेमाने शिक्षाविद डॉ जीपी शर्मा को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के निर्धारण के लिए बनाई गई समिति (National Steering Committee) में शामिल किया है। खास बात ये है कि इस समिति में देश के प्रतिष्ठित 12 शिक्षाविदों को शामिल किया गया है। इस समिति में शामिल डॉ शर्मा मध्यप्रदेश से अकेले सदस्य हैं। समिति की पहली पहली बैठक 12 अक्टूबर को बेंगलूर में होगी।
12 सदस्यीय समिति में देश के बड़े नाम शामिल
मोदी सरकार द्वारा घोषित की गई नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों एक समिति का गठन किया है। राष्ट्रीय स्तर की इस समिति में 12 सदस्य हैं। समिति का प्रमुख इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ कस्तूरीरंगन को बनाया गया है। समिति में वरिष्ठ वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन के अलावा नेशनल चेयरमेन डॉ गोविन्द प्रसाद शर्मा (डॉ जीपी शर्मा), नीपा (नेशनल इंस्टीट्यूट और एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन) के कुलपति महेश चंद्र पंत, जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर, सेन्ट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति टीवी कट्टीमनी, फ्रेंच मूल के भारतीय लेखक और आईआईटी गांधीनगर के गेस्ट प्रोफ़ेसर मिशेल डैनिनो, आईआईएम जम्मू के चेयरमेन और उद्योगपति मिलिंद कांबले, केंद्रीय विश्व विद्यालय पंजाब के चांसलर जगबीर सिंह, भारतीय मूल के अंग्रेजी गणितज्ञ मंजुल भार्गव, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता एमके श्रीधर, शिक्षा मंत्रालय सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक एवं आईएएस जुड़े धीर झिंगरान और एक स्टेप फाउंडेशन के सीईओ शंकर मारुवाड़ा शामिल हैं।
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ग्वालियर और मध्यप्रदेश के लिए है गौरव की बात
ग्वालियर में जन्मे डॉ जी पी शर्मा (डॉ गोविन्द प्रसाद शर्मा) ग्वालियर में महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय एवं कमलाराजा कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य रहे। उन्होंने अपर संचालक उच्च शिक्षा के पद पर भी कार्य कियाहै मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक और बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन के उपाध्यक्ष भी रहे। वे इस समय नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमेन भी हैं। डॉ. शर्मा ने राजनीति विज्ञान में एमए के बाद पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने पुस्तकें भी लिखी हैं।
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ये काम रहेगा समिति का
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने के लिए बनाई गई 12 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति का काम राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित करना है। समिति पहली क्लास से 12 तक के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण करेगी। ये समिति चार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित करेगी – स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या, शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा और प्रौढ़ शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा।
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भारतीयता और राष्ट्रीयता दिखाई देगी पाठ्यक्रम में
डॉ जीपी शर्मा ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि नयी शिक्षा नीति में जो पाठ्यक्रम बनाये जायेंगे उसमें भारतीयता और राष्ट्रीयता की बातें होंगी। उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर को बेंगलुरु में समिति की बैठक है। उसमें पाठय्रकम को लेकर चर्चा होगी।