MP Urban Body Elections : आखिरी दिन रही प्रत्याशियों की गहमागहमी, किन्नर भी मैदान में

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। नगरीय निकाय चुनावों (MP Urban Body Elections) के नामांकन भरने के आखिरी दिन आज ग्वालियर कलेक्ट्रेट (Gwalior News) पर भारी भीड़ देखने को मिली। प्रत्याशी समय से पहले अपना फॉर्म जमा करना चाहते थे। इस दौरान बाहत गहमा गहमी का माहौल भी रहा। नामांकन भरने आये प्रत्याशियों ने प्रशासन पर भी आरोप लगाए। उधर एक किन्नर ने भी निर्दलीय नामांकन भरा, वे कांग्रेस की सदस्य बताई गई है।

जिला प्रशासन पर आरोप

कांग्रेस छोड़कर कल ही आम आदमी पार्टी (Gwalior AAP) ज्वाइन करने वाली महापौर पद की प्रत्याशी डॉ रुचि गुप्ता भी अपने समर्थको अपर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची, उन्होंने अपना नामांकन पर्चा भरा। नामांकन दाखिल करने में उन्हें बहुत समय लगा और परेशानी भी हुई। उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन पर आरोप लगाए।

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भाजपा – कांग्रेस पर आरोप 

रुचि गुप्ता ने सत्ताधारी दल भाजपा पर व्यवधान डालने और अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस (MP Congress) पर दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आज यहाँ देखकर पता चल गया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों डर गए हैं, लेकिन मैं डरने वाली नहीं हूँ, झाँसी की रानी की तरह पूरी शक्ति के साथ लड़ूंगी।

कलेक्टर ने आरोप पर दिया जवाब

उधर कलेक्टर ने रूचि गुप्ता के आरोपों को ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका फॉर्म तो समय समाप्त होने के दो मिनट पहले लिया गया, उनकी तो बहुत मदद की गई, यदि परेशान करना होता तो ये कैसे संभव होता ?

किन्नर भी मैदान में 

आज एक किन्नर ने भी नामांकन फॉर्म दाखिल किया। राजा किन्नर नामक प्रत्याशी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वार्ड 34 से नामांकन दाखिल किया है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस की सदस्य हैं और उन्होंने पार्टी से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने अनसुना कर दिया। मेरे क्षेत्र की जनता के कहने पर मैंने पर्चा भरा है , अब जनता का फैसला और भगवान् की इच्छा मंजूर होगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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