ग्वालियर।अतुल सक्सेना
कोरोना जैसी महामारी और उससे जुड़ी परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय सलाहकार मंडल गठित किया है। जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिंग होम एसोसिएशन को तो शामिल किया है लेकिन मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन को शामिल नहीं किया है जिसका MTA ने विरोध किया है और कहा है कि इससे डॉक्टर्स का मनोबल टूटेगा।
शुक्रवार को राज्य सरकार ने एक सलाहकार मंडल गठित किया जिसका काम कोरोना महामारी और उससे उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार को सलाह देना है । प्रदेश स्तरीय इस सलाहकार मंडल में सरकार ने IMA यानि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और NHA यानि नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित 13 अन्य लोगों को शामिल किया है जिसमें प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं, लेकिन इसमें शासकीय मेडिकल कॉलेज के टीचर्स की संस्था MTA यानि मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की संस्था MOA यानि मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को शामिल नहीं किया है जिससे ये संस्थाएँ नाराज हो गई है। नाराजगी जताते हैं MTA अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना जैसी महामारी में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा जी जान से जुटे हैं । मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ चिकित्सा शिक्षक और जूनियर डॉक्टर्स अस्पतालों मे मरीजों का इलाज कर रहे हैं जबकि अन्य सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं। चूंकि यही दोनों विभाग के चिकित्सक मरीजों के सबसे नजदीक हैं और अपने जीवन की परवाह किये बिना उनका इलाज कर रहे हैं इसलिए मरीजों की बेहतरी के लिए यही अच्छे सुझाव भी दे सकते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि आपने कोरोना से नजदीक से लड़ने वाले चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स को छोड़कर ऐसे लोगों को सलाहकार मंडल में शामिल किया है जिनका इस लड़ाई में योगदान नगण्य है। डॉ अग्रवाल ने लिखा कि आप MTA और MOA को शामिल कर मरीजों के हित मे निर्णय ले अन्यथा दोनों विभागों के डॉक्टर्स का मनोबल टूटेगा जो प्रदेश और मरीज दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा।