Transfer पर अनोखे अंदाज में विदाई, जनता ने TI साहब को घोड़े पर बैठाया, स्टाफ ने लगाये ठुमके

Gwalior News :  Transfer पर आपने कई तरह के विदाई समारोह देखे होंगे , लोगों को इमोशनल होते देखा होगा, गिफ्ट देते देखा होगा लेकिन हम आज एक अलग ही विदाई समारोह आपको दिखाने और बताने जा रहे हैं, ये विदाई समारोह है एक पुलिस थाने के प्रभारी का यानि एक पुलिस इंस्पेक्टर का …

साहब के ट्रांसफर पर मायूस हुए लेकिन फिर यादगार बना दी विदाई 

मामला ग्वालियर का है, पिछले दिनों आई तबादला सूची में ग्वालियर जिले के अन्य अधिकारियों के साथ सिरोल थाने के टी आई गजेन्द्र धाकड़ का भी ट्रांसफर आदेश आया, उन्हें छतरपुर ट्रांसफर किया गया है।  उनके ट्रांसफर से उनके थाने का स्टाफ तो छोड़िये क्षेत्र की जनता भी थोड़ी मायूस हो गई लेकिन इन सबने अपनी भावनाओं को काबू करते हुए टी आई धाकड़ को अलग तरह से विदा किया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

टी आई साहब को घोड़े पर बैठाया, फूल मालाओं से लाद दिया 

टी आई साहब  गजेन्द्र धाकड़ के प्रशंसक और थाना स्टाफ ने अपने साहब की विदाई को अनोखा बनाते हुए उन्हें घोड़े पर बैठाकर फूल मालाओं से लादकर विदा किया, टी आई साहब के घोड़े के आगे सभी लोग डीजे की धुन पर नाचते जा रहे थे, जिसने भी ये द्रश्य देखा वो वहीँ रुक गया।

निर्वाचन आयोग के निर्देश के तहत हुआ है टी आई धाकड़ का ट्रांसफर 

गौरतलब है मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में जिन अफसरों का एक ही स्थान पर 3 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, ऐसे पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर किया जा रहा है  इसी कड़ी में ग्वालियर शहर के सिरोल थाने में पदस्थ थाना प्रभारी गजेंद्र धाकड़ का भी ट्रांसफर किया गया है।

थाना प्रभारी का ये विदाई समारोह बहुत कुछ इशारे कर रहा है   

लेकिन टी आई गजेन्द्र धाकड़ की विदाई ये बता रही है कि उन्होंने अपने थाना क्षेत्र में किस तरह जनता के बीच विश्वास कायम किया, पुलिस की छवि को सुधारा , विदाई के इस अनौखे अंदाज का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। टी आई साहब भी जनता का प्यार देखकर बहुत खुश हुए और सभी को धन्यवाद दे रहे हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News