ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक राजमाता विजयाराजे सिंधिया (Scindia) की 103वीं जन्म जयंती पर आज उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। कलाकारों ने राजमाता की याद में भजन सुनाकर उन्हें स्वरांजलि दी। इस मौके पर राजमाता के पोते केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation and Steel Minister Jyotiraditya Scindia) अपनी आजी अम्मा को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार ने जनसेवा को अपना लक्ष्य बनाया है और हम आजी अम्मा के सिद्धांतों को अपनाकर चल सकें यही प्रयास करते हैं।
सिंधिया राजवंश की छत्री पर आज राजमाता विजया राजे सिंधिया की जन्म जयंती (Rajmata Vijayaraje Scindia Birth Anniversary) पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में राजमाता के पोते केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजमाता के बेटी मप्र की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, मप्र के सह प्रभारी हितानंद , ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री माया सिंह, पूर्व मंत्री इमरती देवी सहित कई भाजपा नेता मौजूद थे।
सभी ने राजमाता के चित्र पर पुष्प अर्पित किये और उन्हें याद किया। मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि आज मेरी आजी अम्मा की जन्म जयंती है उन्होंने जनसेवा के जो उसूल बनाये, जो त्याग और तपस्या की, देश के लिए समर्पण किया इसलिए आज केवल सिंधिया परिवार ही नहीं पूरे देश के लिए वे प्रेरणा हैं।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि आजी अम्मा के मूल्यों , सिद्धांतों को लक्ष बनाकर चलने की परंपरा हमारे परिवार के सदस्यों ने निभाई है, सिंधिया परिवार ने कभी राजनीति नहीं बल्कि जनसेवा के पथ को अपनाया है और उन्हीं के सिद्धांतों को अपनाकर हम चल सकें ये प्रयास करते हैं। एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने ग्वालियर में होने वाली विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद दिया।
श्रद्धांजलि सभी में मौजूद पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने राजमाता सिंधिया को याद कर उनके संस्मरण सुनाये। उन्होंने कहा कि आज ग्वालियर और पूरा भाजपा परिवार ही नहीं पूरा देश राजमाता सिंधिया को याद कर रहा है क्योंकि उन्होंने सेवा समर्पण और समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के बारे में सोच कर उसके जीवन का कल्याण करने की जो पहल की थी। उसका अनुसरण करना हम सबका दायित्व है। इसीलिए यहां बड़ी संख्या में लोग राजमाता विजयराजे सिंधिया को याद कर रहे हैं ।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....