ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शिवराज सरकार (Shivraj Government)में राज्य मंत्री एवं सिंधिया समर्थक नेता ओपीएस भदौरिया (Minister OPS Bhadoria) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया कि पिछले 2019 लोकसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को हराने की साजिश कमल नाथ (Kamal Nath) ने अपने ऑफिस में रची थी।
ग्वालियर चंबल संभाग (Gwalior News) के दिग्गज कांग्रेस नेता डॉ गोविन्द सिंह (Dr Govind Singh) के मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल की सियासत गरमा गई है। जिम्मेदारी मिलने के बाद शुक्रवार को जब डॉ गोविन्द सिंह ग्वालियर पहुंचे थे तो मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी चुनौती नहीं रहे, जो अपने ही चेले से हार जाये वो हमारे लिए क्या चुनौती होगा।
उनके बयान से सियासत का पारा चढ़ गया। ग्वालियर पहुंचे सिंधिया समर्थक नेता एवं प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि डॉ गोविन्द सिंह, सिंधिया के लिए कह रहे हैं अरे उनके लिए तो मैं ही काफी हूँ। मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि अभी तक कांग्रेस सिंधिया जी से डरी हुई थी लेकिन अब वो भयभीत और घबराहट में है।
उन्होंने कहा कि एक रहस्योद्घाटन मैं आज कर देना चाहता हूँ कि सिंधिया को हराने का षड्यंत्र तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया कमल नाथ के ऑफिस में हुआ था, वो ये नहीं चाहते थे कि सिंधिया जैस लोकप्रिय व्यक्ति चुनाव जीते। मख्यमंत्री भवन से अन्य प्रदेशों के नेताओं को बुलाया गया और ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया गया। यदि गोविन्द सिंह को हार जीत की चिंता है राहुल गाँधी की करें।
मंत्री ओपीएस भदौरिया में कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बरैया का मुंह निश्चित काला होगा वे ये तय कर लें कि उन्हें रंग कांग्रेस देगी या भाजपा गिफ्ट करे, उन्होंने कहा कि मैं ही गिफ्ट कर दूंगा। आपको बता दें कि फूल सिंह बरैया ने शुक्रवार को ग्वालियर में कहा था कि यदि 2023 के चुनाव में भाजपा 50 सीट भी ले आई तो वे राजभवन के सामने अपने हाथ से अपना मुंह काला कर लेंगे।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....