प्लाज्मा कांड: श्री राधास्वामी ब्लड बैंक की जांच करने आई टीम, दस्तावेज खंगाले

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मिलावटी प्लाज्मा (Plasma) चढ़ाने के बाद ग्वालियर के निजी अस्पताल में हुई एक कोरोना मरीज की मौत के बाद हुए खुलासे ने प्रशासन की आँखें खोल दी हैं। मामला ऊपर तक पहुँच जाने के बाद अब नियमों की धज्जियां उड़ा रहे ब्लड बैंक निशाने पर हैं। भोपाल से आई एक टीम ने सोमवार को एक ब्लड बैंक पर कार्रवाई कर उसके दस्तावेज खंगाले।

दतिया निवासी मनोज गुप्ता की ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में मिलावटी प्लाज्मा चढ़ाने के बाद हुई मौत के बाद ग्वालियर में चल रहे मिलावटी प्लाज्मा और मिलावटी खून के गिरोह का खुलासा हुआ था। खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के होश उड़ गए। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। स्वास्थ्य विभाग ने शहर में संचालित ब्लड बैंकों पर छापे मारे जहाँ भारी अनियमितता मिली। प्रशासन ने राधा स्वामी ब्लड बैंक को सील कर लाइसेंस निरस्त कर दिया।

प्रशासन ने दाल बाजार (Dall Bazar) स्थित श्री राधा स्वामी ब्लड बैंक एवं कंपोनेंट सेंटर ( Shri Radha Swami Blood Bank And Component Center) पर भी छापा मारा था। स्वास्थ्य विभाग को यहाँ कई तरह की कमियां और अनियमितता मिली थीं। मामला भोपाल (Bhopal) तक पहुँच जाने के बाद आज भोपाल से ड्रग कंट्रोलर (Drug Controller) के यहाँ से आई टीम ने श्री राधा स्वामी ब्लड बैंक पर कार्रवाई की। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के पांच अधिकारियों ने ब्लड बैंक के दस्तावेजों और रिकॉर्ड को अच्छे से खंगाला। सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि भोपाल से ड्रग कंट्रोलर के यहाँ SLA स्टेट लाइसेंस अथॉरिटी (State License Authority) की टीम आई है उसने जांच की है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ब्लड बैंक के लाइसेंस पर फैसला लिया जायेगा।

प्लाज्मा कांड: श्री राधास्वामी ब्लड बैंक की जांच करने आई टीम, दस्तावेज खंगाले


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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