जैन मंदिर की चोरी का खुलासा, जेल में बनाई थी योजना, जमानत पर छूटने के बाद साथी के साथ की चोरी

Atul Saxena
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Gwalior Crime News :  ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने पनिहार स्थित जैन मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति, छत्र और दान पेटी चोरी करने वाले दो शातिर चोरों (नकबजनों) को चोरी के माल सहित गिरफ्तार (Jain temple theft revealed) किया है, गिरफ्तार बदमाशों में से एक मुरैना जिले के सरायछोला थाने का आदतन अपराधी है उसके खिलाफ चोरी व लूट के एक दर्जन से अधिक अपराध पंजीबद्ध हैं, उसने जेल में रहकर ही एक पनिहार निवासी बदमाश के साथ मिलकर जैन मंदिर में चोरी की योजना बनाई थी, उधर चोरी का खुलासा होने पर जैन समाज ने ख़ुशी जताई है और ग्वालियर पुलिस का सम्मान किया है।

जैन मंदिर की चोरी का खुलासा, जेल में बनाई थी योजना, जमानत पर छूटने के बाद साथी के साथ की चोरी

30 नवंबर और 01 दिसंबर की दरमियानी रात ग्राम पनिहार स्थित आदिश्वरधाम जैन मंदिर से भगवान आदिनाथ की अष्टधातु की मूर्ति व 06 छत्र तथा तीन दान पेटीयां चोरी हो गई थी। घटना के बाद जैन समाज ने इसकी शिकायत पनिहार थाने में की, चूंकि चोरी की वारदात लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी हुई थी इसलिए एसपी अमित सांघी ने मामले की गंभीरता को देखते हुये आरोपियों की शीघ्र गिरफ़्तारी के निर्देश दिए, टीमों को अलर्ट किया।

 एसपी ने दिए शीघ्र गिरफ़्तारी के निर्देश

इसी बीच एसपी को मुखबिर ने बताया कि पनिहार आदिश्वरधाम जैन मंदिर में चोरी करने वाले शातिर चोर (नकबजन) को जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर के आसपास देखा गया है। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने एडिशनल एसपी शहर (पूर्व/अपराध) राजेश डण्डोतिया एवं एडिशनल एसपी शहर (पश्चिम) गजेन्द्र सिंह वर्धमान को क्राइम ब्रांच व पनिहार थाने की टीम बनाकर शातिर नकबजन को पकड़ने के निर्देश दिए।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया

अधिकारियों के निर्देश मिलते ही क्राइम ब्रांच और पनिहार थाने की संयुक्त टीम ने मुखबिर के बताये स्थान जयारोग्य  अस्पताल पहुंची। पुलिस टीम को मुखबिर के बताये हुलिया का एक संदिग्ध व्यक्ति खड़ा दिखा, पुलिस टीम को देखकर उस संदिग्ध ने मौके से भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर उसे मौके पर ही धरदबोचा। पूछताछ करने पर उसने थाना पनिहार क्षेत्र में अपने एक अन्य साथियों के साथ जैन मंदिर में चोरी करना स्वीकार किया।

गिरफ्तार चोर मुरैना का शातिर अपराधी

विस्तृत पूछताछ करने पर पुलिस को मालूम चला कि उक्त पकड़ा गया शातिर चोर थाना सरायछोला जिला मुरैना का आदतन अपराधी है, जिसके विरुद्ध चोरी व लूट के कई गंभीर अपराध पंजीबद्ध हैं। पकड़े गये शातिर चोर ने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर भगवान आदिनाथ की मूर्ति व 06 छत्र पीतल के व तीन दान पेटी जैन मंदिर से चोरी करना स्वीकार किया है।

जेल में रहकर बनाई चोरी की योजना

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह हाल ही में पिछले महीने जेल से जमानत पर बाहर आया है। जेल में उसकी मुलाकात ग्राम पनिहार के रहने वाले एक शातिर नकबजन से हुई थी जिसने उसे बताया था कि ग्राम पनिहार के पास स्थित जैन मंदिर में सोने की मूर्तियां व सोने के छत्र लगे है। आरोपी ने जेल में रहकर ही उक्त मूर्ति व छात्रों को चोरी करने की योजना बनाई।

जमानत पर छूटते ही की चोरी

आरोपी ने बताया कि जेल से छूटने के बाद वह अपने एक अन्य साथी के साथ 30 नवंबर को दिन के करीब 11 बजे जैन मंदिर में दर्शन करने के बहाने गया व मंदिर की रेकी की तथा रात्रि में अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। गिरफ्तार नकबजन की निशानदेही पर पुलिस ने उसके पास से भगवान आदिनाथ की अष्टधातु की मूर्ति को जब्त किया तथा चोरी में लिप्त अन्य साथी को ग्राम रूपवास जिला भरतपुर(राजस्थान) से गिरफ्तार किया, जिसके पास से छः पीतल के छत्र व दानपेटी से चोरी गये रुपयों में से कुल 1110/- रुपये जब्त हुये है। पुलिस दोनों शातिर नकबजनों जण्डेल गुर्जर और कलेक्टर सिंह से अन्य साथियों के संबंध में पूछताछ कर रही है।

जैन समाज ने किया पुलिस का सम्मान

चोरी का खुलासा करने और भगवान आदिनाथ की अष्टधातु मूर्ति सहित पूरा सामान जब्त किये जाने से ग्वालियर के जैन समाज ने ख़ुशी जताई है, जैन समाज के लोग पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे और उन्होंने पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए उनका सम्मान किया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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