संक्रमण का ट्रिपल अटैक, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। बारिश के मौसम ने ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूह (jayarogya hospital group gwalior) की ओपीडी का लोड बढ़ा दिया है। हालात ये है कि इस समय सामान्य दिनों की तुलना में दो से तीन गुना मरीज पहुँच रहे हैं और इलाज के लिए भटक रहे है लेकिन अस्पताल प्रबंधन (JAH Gwalior) सभी व्यवस्थाएं ठीक होने का दावा कर रहा है।

ग्वालियर (Gwalior News) में मानसून के चलते वायरल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुँच रहे है। जयारोग्य अस्पताल समूह की ओपीडी में रोज सैकड़ों मरीज मलेरिया, डेंगू से पीड़ित पहुँच रहे हैं।

संक्रमण का ट्रिपल अटैक, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

कोरोना संक्रमण (corona infection)  के बीच डेंगू (dengue infection), मलेरिया (malaria infection) के मरीजों की बढ़ती संख्या ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को गड़बड़ा दिया है।  मरीज इलाज और दवाओं के लिए भटक रहे हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन को सबकुछ ठीक दिखाई दे रहा है।

संक्रमण का ट्रिपल अटैक, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

अस्पताल अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ ने कहा कि संक्रमणजनित बीमारियों से निपटने के लिए हमने पूरे इंतजाम किये हैं। मलेरिया तो रूटीन में आ गया है, डेंगू के लिए अलग से वार्ड तैयार किया है। 100 मच्छरदानियाँ मंगा ली है जिससे डेंगू का मच्छर एक मरीज से दूसरे पर ना जा सके।

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दवाइयों की कमी से इंकार करते हुए डॉ धाकड़ ने कहा कि कोरोना जैसे विषम परिस्थितियों में कभी दवाओं की कमी नहीं रही। कई बार एक दवा खत्म हो जाती है तो उसके विकल्प रहते हैं हमें डॉक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि जिन दवाओं के विकल्प मौजूद हैं उन्हें ही लिखें, किसी खास दवा को ना लिखें जो स्टॉक में नहीं है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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