Triple Talaq : MP में सड़क पर तीन तलाक देकर पत्नी को घर से निकाला, पुलिस ने नहीं की मदद, एसपी ऑफिस पहुंची महिला ने दी आत्महत्या की चेतावनी

मेरे माँ  बाप गरीब हैं पैसे नहीं दे सकते तो उसने मुझे बीच सड़क पर तलाक देकर घर से निकाल दिया अब यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने बच्चे के साथ आत्महत्या कर लूंगी।  

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Triple Talaq : ट्रिपल तलाक पर सख्त कानून बनने के बाद भी ये बदस्तूर जारी है, पीड़िता पुलिस के पास मदद की गुहार लगाने पहुंच रहीं हैं, ताजा मानमल एमपी के ग्वालियर का है, जहाँ एक पीड़िता महिला अपने बच्चे के साथ एसपी ऑफिस पहुंची और मदद मांगी, पीड़िता ने कहा कि पुलिस थाने में शिकायत करने के बाद भी उसकी मदद नहीं की गई यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वो अपने बच्चे सहित आत्महत्या कर लेगी।

मामला ग्वालियर शहर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र का है, एसपी ऑफिस में जन सुनवाई में आज एक मुस्लिम महिला सनोवर अपने गोदी के बच्चे को लेकर पहुंची उसने बताया कि उसका निकाह गुरु नानक नगर में रहने वाले आबिद खान से 2021 में हुआ था कुछ दिनों बाद आबिद उसे दहेज के लिए परेशान करने लगा मारपीट करने लगा।

एसपी ऑफिस पहुंची महिला बोली पति ने दिया तीन तलाक, घर से निकाला  

महिला ने कहा कि पिछले दिनों किसी बात पर उनका बीच सड़क पर झगड़ा हो गया और आबिद ने तीन बार तलाक.. तलाक.. तलाक.. कहकर उसे तलाक दे दिया और उसे घर से निकाल दिया अब वो दूसरी शादी करना चाहता है, महिला ने कहा कि उसने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की पुलिस ने दहेज एक्ट और मारपीट का मामला दर्ज कर लिए लेकिन ट्रिपल तलाक की धारा नहीं लगाई और कोई एक्शन नहीं लिया।

महिला ने कहा न्याय नहीं मिला तो बच्चे सहित आत्महत्या कर लूंगी 

पीड़ित मुस्लिम महिला ने कहा कि मेरा पति गाड़ी चलाता है और मुझसे कहता है मुझे अपनी गाड़ी खरीदनी है उसके लिए माँ बाप से पैसा लेकर आ , मेरे माँ  बाप गरीब हैं पैसे नहीं दे सकते तो उसने मुझे बीच सड़क पर तलाक देकर घर से निकाल दिया अब यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने बच्चे के साथ आत्महत्या कर लूंगी।

पीड़िता की बात सुनने के बाद एडिशनल एसपी ने महिला थाने को निर्देश दिए 

जनसुनवाई में मौजूद एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने पीड़ित महिला की बात सुनने के बाद उसे भरोस दिया कि पुलिस उसकी मदद करेगी, उन्होंने महिला थाने को निर्देश दिए कि महिला के कथन लेकर उसकी जाँच कर प्रकरण में तलाक की धारा बढ़ाई जाये।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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