टी आई पर प्रताड़ित करने के आरोप, मजदूरों ने लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार, एसपी ऑफिस में दिया आवेदन

Gwalior News

Gwalior News : पुलिस जनता की मित्र होती है, पुलिस लोगों की मददगार होती है, पुलिस हर पल जनता के साथ है इस तरह के जुमले पुलिस के आला अधिकारी कहकर जनता को ये समझाने की कोशिश करते हैं कि पुलिस से डरने की जरुरत नहीं है लेकिन पुलिस के ही कुछ अधिकारियों पर जब प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगते हैं तो ये बातें बेमानी लगती हैं।

दो मजदूरों ने महिला टी आई पर टॉर्चर करने के आरोप लगाये 

ताजा मामला ग्वालियर जिले के गिरवाई थाने में पदस्थ टी आई प्रीति भार्गव से जुड़ा है, टी आई पर दो मजदूरों ने  बे वजह परेशान करने, मारपीट करने,  उन्हें प्रताड़ित करने, उनकी सार्वजनिक रूप से बेइज्जती करने और जबरन झूठे केस में फंसाने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं और इच्छा मृत्यु की मांग की है।

परेशान मजदूर ने मुख्यमंत्री से मांगी इच्छा मृत्यु   

गिरवाई थाना क्षेत्र में रहने वाला कल्याण सिंह मजदूरी करता है वो अपने एक साथी महाराज सिंह तोमर के साथ एसपी ऑफिस पहुंचा, कल्याण सिंह ने पुलिस के आला अधिकारी की अपनी व्यथा सुनाई, उसने जो कुछ बताया असल में पुलिस की उसी छवि को सब जानते पहचानते हैं, कल्याण सिंह ने कहा कि 13 दिसंबर को टी आई प्रीति भार्गव और थाने के दरोगा सोनी मुझे मेरे घर से घसीटते हुए ले गए जबकि मेरा कोई अपराध नहीं हैं, थाने में मुझसे जबरन मुचलका भरवाया, जब विरोध किया तो मुझे बहुत मारा, मेरी बेइज्जती की, मैं  मोहल्ले में मुंह दिखाने लायक नहीं बचा हूँ इससे तो मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दें।

कल्याण सिंह के साथ गए महाराज सिंह ने कहा कि वो भी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता है, वो एक दुकान पर काम करता है 31 दिसंबर को टी आई प्रीति भार्गव उसे दुकान से घसीटकर ले गई और थाने में जबरन मुचलका भरवा लिया, जब मना किया तो मारपीट की और कहा कि कौन सी तुझे फांसी लग रही है कोर्ट से जमानत करवा लेना।

डीएसपी अशोक सिंह जादौन ने मजदूरों का आवेदन लेने के बाद उन्हें समझाइश दी और कहा कि पुलिस आपकी मदद के लिए है यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी से कोई शिकायत है तो वरिष्ठ अधिकारी हैं वो आपकी शिकायत का समाधान करेंगे, उन्होंने कहा कि डीएसपी ग्रामीण को आवेदन फ़ॉरवर्ड कर दिया है जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से एक्शन लिया जायेगा।

अफसरों के अमर्यादित व्यवहार पर सीएम मोहन यादव हैं सख्त 

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हाल ही में शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को सिर्फ इसलिए हटा दिया क्योंकि उन्होंने एक ट्रक ड्राइवर से कह दिया था कि तुम्हारी औकात क्या है? मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मजदूर का बेटा हूँ और जो अधिकारी जनता के साथ, गरीबों के साथ, मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेगा उसे फील्ड से हटा दिया जायेगा।

ग्वालियर में पहले भी खाकी पर लग चुके हैं दाग 

गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब ग्वालियर पुलिस की छवि पर दाग लगा हो, टी आई प्रीति भार्गव भी पहले विवादों में रही हैं, पुलिस के सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर तक लूट, चोरी, डकैती जैसे मामले में बर्खास्त हो चुके हैं, अब देखना होगा कि ग्वालियर के आला अधिकारी मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अपने मातहत पर कड़ा एक्शन लेते हैं या एक बार फिर मजदूर और गरीब की शिकायत को नजर अंदाज कर दिया जायेगा।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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