Gwalior News : इंदौर से मुरैना की तरफ जा रही एक प्राइवेट AC स्लीपर कोच ग्वालियर में पनिहार थाने के पास पलटकर खाई में गिर गई, बस के खाई में गिरते ही चीख पुकार मच गई, सूचना पर पनिहार थाने के पास कड़ी डायल 100 तत्काल वहां पहुंची, चीख पुकार सुनने के बावजूद बिना विचलित हुए डायल 100 के सिपाही ने बस में घुसकर घायलों को कंधे पर लड़कर बाहर निकाला, बस में महिलाएं और बच्चे सभी शामिल थे, तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल पहुँचाया जिसका परिणाम ये हुआ कि समय पर घायलों को इलाज मिल गया और कोई जनहानि नहीं हुई, सिपाही की फुर्ती और संवेदनशीलता की जिले में तारीफ हो रही है।
इंदौर से एसकेटी बस सर्विस की AC कोच MP13P5999 करीब 30 सवारी लेकर मुरैना जाने के लिए रात को इंदौर से निकली थी, बस सुबह 7 बजे के आसपास ग्वालियर जिले में आकर पनिहार टोल प्लाजा के 500 मीटर पहले अनियंत्रित हो गई और 20 फ़ीट गहरी खाई में गिरकर पलट गई, बस ने खाई में दो गुलाटी खाई।
किसी ने दुर्घटना की सूचना डायल 100 को दी, पनिहार थाने के पास खड़ी डायल 100 तत्काल दुर्घटना स्थल पर पहुंची, AC बस होने के कारण चारों ओर से बंद थी जिससे सवारियों को निकालना मुश्किल था। बस में महिलाएं बच्चे सब चीख पुकार मचा रहे थे डायल 100 के आरक्षक राजवीर लोधी ने संवेदशीलता और फुर्ती दिखाई और बस को किसी तरह खोलकर उसके अन्दर घुसा और फिर एक एक कर घायलों को अपने कंधे पर लादकर बाहर निकाला।
दुर्घटना की सूचना पर तत्काल एम्बुलेंस बुलाई गई, दुर्घटना में करीब 10-12 लोग घायल हुए, पनिहार थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची, एसडीओपी घाटीगांव संतोष पटेल भी मौके पर पहुँच गए और एम्बुलेंस की मदद से घायलों को जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुँचाया गया, जहाँ उन्हें इलाज दिया गया, अच्छी बात ये रही कि दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।
एसडीओपी संतोष पटेल ने आरक्षक राजवीर लोधी की संवेदनशीलता और उसकी फुर्ती के लिए उसकी प्रशंसा की, जिला पुलिस के अन्य अधिकारी भी उसके इस काम की तारीफ कर रहे हैं, बहरहाल सभी पुलिस ने सभी घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जिससे कोई जनहानि नहीं हुई, दुर्घटना की वजह ड्राइवर की लापरवाही बताई जा रही है, ड्राइवर भी घायल है, पुलिस ने मामले को जाँच में ले लिया है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....