लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई 8 किसानों की मौत के बाद गुस्साए किसानों ने आज सोमवार को देश के हर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री इस्तीफे, घटना के लिए जिम्मेदारी उनके बेटे पर 302 का प्रकरण, योगी सर्कार की बर्खास्तगी और पीड़ितों को एक एक करोड़ का मुआवज़ा देने की मांग की और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चे ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

कृषि कानूनों क अविरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे ने आज ग्वालियर में भी प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट का घेराव किया। किसान मोर्चें के नेताओं ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापिस नही लिए जाते तब तक ना किसान आंदोलन खत्म होगा और ना ही किसान घर वापस लौटेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो किसानों की हत्या की गई है यह भारतीय जनता पार्टी की उत्तरप्रदेश सरकार की ताबूत में कील के रूप में याद की जाएगी।

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अखिल भारतीय किसान सभा के मध्यप्रदेश के उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधी पर पुष्प अर्पित कर कलेक्ट्रेट तक पदयात्रा की और वहां पहंचकर आंदोलनरत किसानों को संबोधित करते हुए लखीमपुर खीरी की घटना पर केंद्र सरकार और योगी सरकार को जमकर कोसा।  नेताओं ने अपने उद्बोधन में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की बर्खास्तगी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा  इस्तीफे, उनके बेटे के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने, मृतक किसानों के परिवारों को एक एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौपा।

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अखिल भारतीय आह्वान पर संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर तीन घंटे तक धरना दिया।  धरने को पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, वरिष्ठ माकपा नेता रामविलास गोस्वामी, पी पी शर्मा, भगवान सिंह गुर्जर, सिध्देश्वर शर्मा, रणवीर सिंह यादव, रूपेश जैन, सुग्रीव सिंह, ओमप्रकाश चौधरी, आकांशा धाकड़, प्रीति सिंह, रीना शाक्य, एडवोकेट पूरन सिंह राणा, एडवोकेट राय सिंह बोद्ध, फूलसिंह कुशवाह, रमेश परिहार, सरदार प्रकट सिंह, सूर्यभान सिंह रावत, प्रो विजय कुशवाह रामबाबू जाटव, भगवान दास सैनी आदि ने भी संबोधित किया।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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