Gwalior News : सांप एक ऐसा जीव है जिसकी पूजा भी करते हैं लेकिन उसे देखते ही इंसान की चीख भी निकल जाती है और यदि सांप काट ले तो जान हलक में आ जाती है और कभी कभी मौत भी हो जाती है, ग्वालियर में भी पिछले पांच महीनों में सांप काटे के करीब 300 मरीज ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल में पहुंचे हैं इनमें से करीब 25 लोगों की मौत भी हो चुकी है, डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि यदि सांप काटे तो हमें क्या ऐसा करना चाहिए कि मरीज की जाना नहीं जाये।
स्नेक बाइट यानि सांप काटने के मरीजों का अस्पताल पहुँचने का सिलसिला जून से शुरू हो जाता है जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल है यहाँ ग्वालियर चंबल के आठ जिलों के अलावा बुंदेलखंड के कई जिले और पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान से भी मरीज इलाज कराने आते हैं, इस बार अभी तक करीब 300 मरीज स्नेक बाईट के JAH में पहुंच चुके हैं जिनमें से करीब 25 की मौत हो चुकी है।
JAH ग्वालियर में पहुंचे 300 स्नेक बाइट मरीज
आंकड़ों पर गौर करें तो जून महीने में स्नेक बाइट के 30 मरीज JAH पहुंचे लेकिन में जुलाई में इनकी संख्या बढ़कर 88 हो गई, अगस्त में आंकड़ा 90 हो गया फिर सितंबर में घटकर 55 हो गया और अक्टूबर में रोज 2-3 मरीज पहुंच रहे हैं यानि स्नेक बाइट के मरीजों का सिलसिला थमा नहीं है। जयारोग्य अस्पताल समूह के सहायक अधीक्षक डॉ वीरेंद्र वर्मा कहते हैं कि यदि सांप काटने से पीड़ित मरीज को यदि समय पर इलाज मिल जाये तो उसकी जान बचाई जा सकती है, उनका कहना है कि ज्यादातर मामलों में लोग सांप काटने के बाद का समय दूसरे इलाजों में बर्बाद कर देते हैं जिससे उसका जहर शरीर में फ़ैल जाता है।
सुनिए डॉक्टर क्या दे रहे सलाह
डॉ वर्मा कहते हैं कि हमें सबसे पहले ये समझना चाहिए कि सभी सांप जहरीले नहीं होते, कुछ ही सांपों की प्रजाति जहरीली होती है, इसलिए सांप के काटने से ना खुद पैनिक हों और ना मरीज को पैनिक करें, इंसान सांप का भोजन भी नहीं है, सांप का भोजन चूहे छिपकली हैं वो उसे ही खाना पसंद करता है, लेकिन जब सांप को कोई खतरा महसूस होता है तब ही वे काटते हैं, डॉक्टर की सलाह है कि यदि किसी को सांप काट ले तो उस मरीज को लिटा दें चलायें नहीं, जिससे शरीर में जहर नहीं फैलेगा और फिर उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाएं, उन्होंने कहा कि यदि समय रहते मरीज को इलाज मिल जाता है तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट