ग्वालियर। ग्वालियर और चम्बल अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूह के डॉक्टर्स पर एक बार फिर लापरवाही के आरोप लगे हैं। आरोप लगाने वाले परिजनों का कहना था कि हमारे मरीज के पैर का ऑपरेशन होने था लेकिन डॉक्टर्स ने उसको ही हमसे छीन लिया। मौत के बाद परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
उपनगर ग्वालियर के ख्वाजनगर की रहने वाली अमीना को पांच दिन पहले उलटे पेअर में चोट लगी थी वो गिर पड़ी थी। परिजनों ने अमीना को बेहतर इलाज की उम्मीद से जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में दिखाया। यहाँ डॉक्टर्स ने अमीना का परीक्षण करने के बाद ऑपरेशन की सलाह दी। लेकिन पैर में इंफेक्शन के कारण थोड़ा रुकने के लिए कहा. परिजन डॉक्टर्स के बताये अनुसार अमीना को दवाई देते रहे। वे सोमवार को जब एक बार फिर अमीना को दिखाने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे तो मंगलवार को ऑपरेशन की डेट दी गई। आज सुबह परिजन अमीना को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। ऑपरेशन की तैयारी होने लगी तो अमीना को घबराहट होने लगी। परिजनों के मुताबिक जब उन्होंने डॉक्टर्स को घबराहट के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि कफ अधिक जम गया है इसलिए घबराहट हो रही है चिंता की कोई बात नहीं। डॉक्टर्स परिजनों की बात को नजरअंदाज करते हुए अमीना को ऑपरेशन थियेटर में ले गए लेकिन थोड़ी ही देर में स्टाफ का एक सदस्य बाहर आया और उसने अमीना की मौत की खबर परिजनों को दी।
अमीना की मौत की खबर सुनकर परिजन सकते में आगये। वे ट्रॉमा सेंटर में रोते बिलखते हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि पैर के ऑपरेशन में किसी की जान कैसे जा सकती है। उन्होंने डॉक्टर्स पर अमीना के गलत इलाज के आरोप लगाए और दोषी डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। परिजनों ने अमीना का शव उठाने से भी इंकार कर दिया। इस दौरान ट्रॉमा सेंटर के स्टाफ ने उनके साथ अभद्रताभी की लेकिन परिजन वहीँ डटे रहे। हंगामें की सूचना अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक मिश्रा को लगी उन्होंने वहां ट्रॉमा इंचार्ज डॉ समीर गुप्ता को वहां भेजा, थोड़ी ही देर में डॉ ओलियाई, सहायक अधीक्षक डॉ जैन भी वहां पहुँच गए और परिजनों को समझाइश दी। डॉक्टर्स ने घटना की जांच का आश्वासन दिया उसके बाद परिजन अमीना के शव को वहां से लेकर चले गए।