हरदा/भवानी शंकर पाराशर
हरदा में अवैध रेत कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई। प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा हरदा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देशानुसार राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग द्वारा नर्मदा नदी के पास के ग्राम मनोहरपुरा, सुरजना, अजनई एवं गोयत में रेत के अवैध भंडारणकर्ताओं के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है। ये कार्रवाई म.प्र. रेत (खनन्, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार की गई है। अवैध भंडारणकर्ताओं द्वारा नर्मदा नदी से अवैध रूप से रेत लाई जाकर विक्रय हेतु अवैध रूप से भंडारण की गई थी, जाँच में अवैध भंडारणकर्ताओं द्वारा रेत परिवहन की ई.टी.पी. नही बताई गई। ग्राम गोयत में जितेन्द्र नारायण जाट द्वारा जाँच में सहयोग नही किया गया।

ग्राम मनोहरपुरा में अवैध भंडारणकर्ता दुलीचन्द कीर से 25 घ.मी. रेत जप्त कर 1 लाख 56 हजार 250 रूपये की, गोविंन्द गुरूबक्श कीर से 15 घ.मी. रेत जप्त कर 93 हजार 750 रूपये, बबलू प्रहलाद कीर से 25 घ.मी. रेत जप्त कर 1 लाख 56 हजार 250 रूपये का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया। वहीं ग्राम सुरजना में अवैध भंडारणकर्ता भगतराम सालकराम कीर से 110 घ.मी. रेत जप्त कर राशि 6 लाख 87 हजार 500 रूपये, गंगाराम रामसिंग कीर से 40 घ.मी. रेत जप्त कर राशि 2 लाख 50 हजार रूपये, मनोहरसिंह अमरसिंह कीर से 80 घ.मी. रेत जप्त कर राशि 5 लाख रूपये, शिवनारायण नर्मदाप्रसाद से 50 घ.मी. रेत जप्त कर, राशि 3 लाख 12 हजार 500 रूपये तथा मंगलेश ज्ञानदास से 60 घ.मी. रेत जप्त कर राशि 3 लाख 75 हजार रूपये अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया। ग्राम अजनई में अवैध भंडारणकर्ता जयनारायण रामविलास कीर से 22 घ.मी. रेत जप्त कर राशि 1 लाख 37 हजार 500 रूपये तथा ग्राम गोयत में अवैध भंडारणकर्ता जितेन्द्र नारायणदास जाट से 90 घ.मी. रेत जप्त कर राशि 5 लाख 62 हजार 500 रूपये अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया।
इस प्रकार संयुक्त टीम द्वारा कुल 10 प्रकरण बनाये जाकर कुल 517 घ.मी. रेत जप्त कर 32 लाख 31 हजार 250 रूपये का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। जप्तशुदा अधिकतम रेत अवैध भंडारणकर्ताओं को उन्हीं की सुपुर्दगी में दी गई है, यदि जप्तशुदा रेत को खुर्द-बुर्द करते है या विक्रय करते है तो अवैध भंडारणकर्ताओं से जुर्माने के अतिरिक्त शासन 454.60 रू. प्रति घ.मी. वसूल करेगा। यह कार्यवाही म.प्र. रेत(खनन्, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार की गई है। प्रकरणों को तैयार कर निराकरण हेतु अपर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।