ज्ञानवापी मामले पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिया बड़ा बयान, कही ये बात, जानें यहाँ

नरोत्तम मिश्रा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज वाराणसी हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में अपना फैसला सुनाते हुए अंजुमन इंतजाम द्वारा मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर की गई याचिका को रद्द कर दिया है। साथ इन मामले को सुनवाई लायक बताते हुए सुनवाई की अगली तारीख भी दे दी है। ज्ञानवापी मामले में हाई कोर्ट के इस फ़ैसलें ने पूरे देश में राजनीतिक और धार्मिक हलचल मचा दी है। विभिन्न पार्टियों के नेता और मंत्री अपनी-अपनी राय इस मामले पर दे रहे हैं। इसी दौरान मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने भी ज्ञानवापी मामले पर बयान दिया है

यह भी पढ़े… T-20 WC Squad: टी-20 वर्ल्ड कप के लिए हुआ इंडिया टीम का ऐलान, रोहित शर्मा बने कप्तान, जानें यहाँ

इसी दौरान मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी ज्ञानवापी मामले पर बयान दिया है। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा की, “हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और यह काफी स्वागत योग्य कदम है।” उन्होनें यह भी कहा की “कोर्ट के इस फैसले से अब तक जो भ्रम की स्थिति थी वो भी स्पष्ट हो जाएगी। जो भी लोग भ्रम और भय फैलाना चाहते हैं वो स्थिति भी पूरी तरीके से स्पष्ट हो जाएगी।”


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"