इटारसी, राहुल अग्रवाल। ट्रेनों के आवाजाही शुरू होने के बाद अवैध वसूली और आरपीएफ कर्मियों की शिकायतों का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। ताजा मामला इटारसी का है जहां ट्रेनों में चना ककड़ी बेचने वाली एक महिला ने इटारसी के आरपीएफ कर्मचारी पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। खास बात यह है कि बिना महिला आरक्षक के उसे रात भर थाने में रखा गया। इस दौरान गलत नीयत से कपड़ों की तलाशी भी ली गई, जिसकी शिकायत पीड़िता ने जीआरपी थाने में की है।
जबलपुर निवासी सुशीला बाई ट्रेनों में चना एवं ककड़ी बेचने का काम करती है। एक सितंबर को वह बैंगलोर पटना एक्सप्रेस में अपना काम करते हुए इटारसी जंक्शन तक आ पहुंची थीं। सुशीला बाई का कहना है कि यहां आरपीएफ कर्मी आमिर बामने ने उसके बाल पकड़कर उसे पहले प्लेटफार्म क्रमांक एक पर स्थित आरपीएफ थाना लाया। यहां पर उसके साथ मारपीट की। यहां तक कि उसने किसी महिला आरक्षक की बजाय स्वयं ही उसकी तलाशी भी ली। वहीं साढ़े नौ सौ रूपए भी निकाल लिए। दूसरे दिन महिला को भोपाल रेलवे कोर्ट में पेश किया गया। यहां उसे दस दिन की सजा सुनाई गई। सजा काटने के बाद पीड़ित महिला ने जीआरपी थाना पहुंचकर थाना प्रभारी बीएस चौहान सीआरपीएफ आरक्षण के खिलाफ लिखित शिकायत की है।
पीड़ित महिला के अनुसार जेल भेजने के पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं कराया गया। घटना की शिकायत पीड़िता ने जीआरपी थाने में की है। इधर, इस संबंध में जो आरपीएफ कर्मी आमिर बामने से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा महिला के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान में रखकर उचित कार्रवाई की गई थी। महिला द्वारा लगाये जा रहे आरोप बेबुनियाद है। उसके साथ कोई अभद्रता और मारपीट नहीं की गई है।