होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। नर्मदा आव्हान सेवा समिति होशंगाबाद द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न अंचलों से आंमत्रित कवियों ने ओज, हास्य, व्यंग्य की कविता प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। होशंगाबाद की रक्षा पुरोहित की सुमधुर कोकिलकंठी स्वर के साथ सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन शुभारंभ हुआ। सांयकाल 5 बजे से प्रारंभ होकर देर शाम तक चलता रहा।
कवि सम्मेलन मे हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि अमित चितवन ग्वालियर ने “रहज़न हैं आप या कि हैं रहबर समझ लिया,सूरत से हमने आपकी पढ़ कर समझ लिया।नीरु श्रीवास्तव कानपुर ने कहा की “सतरंगी भारत को रंगों की फुलवारी रहने दो माली चाहे जो भी हो इसमें हरियाली रहने दो बंद करो ये दहशतगर्दी गर ये हिन्द तुम्हारा है हिन्द के हो अभिमान तो खुद को हिन्दुस्तानी रहने दो”। कवि सम्मेलन को उंचाई प्रदान करते हुए पिपरिया के युवा कवि हरीश पांडे ने “उन माता-पिता की वेदना को उजागर करता हुआ गीत प्रस्तुत किया “कितने मंदिर की चौखट पर हमने दीप जलाए थे।गुरूद्वारों में माथा टेका चादर पीर चढ़ाए थे।