नर्मदापुरम की शिक्षिका सारिका घारू की अनोखी पहल, अपने खर्चे पर बनाई मिनि सांइस सेंटर लैब

नर्मदापुरम जिले की रहने वाली सारिका हायरसेकंडरी स्‍कूल में माध्‍यमिक शिक्षक होने के साथ-साथ बच्चों को हमेशा सिखाने का काम करती है। इसके लिए वह लगातार अपने खर्चों पर वैज्ञानिक जागरूकता गतिविधियों का आयोजन कर रही हैं।

Teacher’s Day Special : आज पूरे देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। स्कूल में बच्चे अपने टीचर्स के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। जिनमें कई तरह की प्रतियोगिताएं शामिल है। वहीं, ऐसे बहुत से शिक्षक भी हैं, जो अपने स्तर पर मिसाल पेश करते हैं। ऐसी ही एक मोटिवेशनल स्टोरी आज हम आपको सारिका घारू के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि भारत सरकार से 2 नेशनल अवार्ड और मध्‍य प्रदेश शासन से 3 स्‍टेट अवार्ड प्राप्‍त करने वाली प्रदेश की एकमात्र शिक्षिका है। बता दें कि सारिका ने प्रदेश के बच्‍चों तक सिखाने का दायरा बढ़ाया है और अपने खर्चे पर मिनि सांइस सेंटर जैसी विद्याविज्ञान लैब बनाई है। वह विज्ञान प्रसारक के रूप में आमलोगों को भी खगोलविज्ञान समझा रही हैं।

नर्मदापुरम की शिक्षिका सारिका घारू की अनोखी पहल, अपने खर्चे पर बनाई मिनि सांइस सेंटर लैब

वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

नर्मदापुरम जिले की रहने वाली सारिका हायरसेकंडरी स्‍कूल में माध्‍यमिक शिक्षक होने के साथ-साथ बच्चों को हमेशा सिखाने का काम करती है। इसके लिए वह लगातार अपने खर्चों पर वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं। इसके लिए वह बाहर किसी से भी सहायता नहीं ले रही हैं। बता दें कि सारिका ने अपने स्‍कूल में डेढ़ लाख रूपये खर्च करके मिनि साइंस सेंटर खोला है। जिसका नाम उन्होंने अपनी स्‍वर्गीय मां के नाम पर रखा है।

नर्मदापुरम की शिक्षिका सारिका घारू की अनोखी पहल, अपने खर्चे पर बनाई मिनि सांइस सेंटर लैब

किशोरियों की करती हैं मदद

वहीं, हाईस्‍कूल विज्ञान के 30 से अधिक टॉपिक पर रूचिकर गीत स्‍टूडियो में तैयार कर अपने अध्‍यापन में इसे शामिल किया है। इसका नतीजा है कि बच्‍चे विज्ञान को गीत के रूप में गुनगुना रहे हैं। अंतरिक्ष हो या खगोलविज्ञान दोनों ही क्षेत्र में बच्‍चे अपनी जिज्ञासा को हल करते हैं। तारों, ग्रहों की चहलकदमी और चमत्‍कारों के पीछे छिपा वैज्ञानिक पक्ष, समसामयिक वैज्ञानिक जागरूकता संदेश देने के लिए आए दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित करवाती हैं। केवल इतना ही नहीं, सोशल मीडिया के माध्‍यम से देश-प्रदेश के अन्‍य बच्‍चे भी इससे सीखते हैं। इसके अलावा, किशोरियों को भी अनेक प्रकार की मदद करती हैं। सारिका मध्‍य प्रदेश राज्‍य निर्वाचन आयोग की स्‍टेट ब्रैंड एम्बैस्डर और भारत निर्वाचन आयोग की जिला स्‍वीप आईकॉन भी हैं। प्रशासन की अनेक लोककल्‍याणकारी योजनाओं की जानकारी आमलोगों तक पहुंचाने का भी वह उत्तरदायित्व निभाती हैं। पपेट शो, लोकनृत्‍य, गीतों के जरिए आमलोगों को जागरूक भी किया जाता रहा है। खास बात यह है कि इसके लिए भी वो किसी प्रकार की सरकारी सहायता भी नहीं लेती हैं।

मिल चुके हैं ये अवार्ड

साल 2016 में मेपकास्‍ट का इनोवेटिव साइंस टीचर अवार्ड, साल 2017 में सारिका घारू को विज्ञान संचार के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का राष्ट्रीय पुरस्कार, साल 2022 में मध्‍य प्रदेश स्‍कूल शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार, राज्‍य महिला आयोग का सम्‍मान और साल 2023 में भारत सरकार के स्‍कूल शिक्षा विभाग का राष्‍ट्रीय शिक्षक सम्‍मान मिला है। वहीं, इस साल राज्‍य स्‍तरीय शिक्षक सम्‍मान कार्यक्रम में सम्‍मान के लिए उनका चयन किया गया है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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