IIM Indore ने फिर रचा किर्तीमान, ग्लोबल एमबीए की टॉप 100 श्रेणी में शामिल

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। लगातार चार बार स्वच्छता सर्वेक्षण (Hygiene survey) में नंबर वन रहने वाले इंदौर (Indore) को अब ग्लोबल एमबीए की श्रेणी (Global MBA Division) में टॉप 100 में स्थान हासिल हो गया है। आईआईएम इंदौर (IIM Indore) ग्लोबल एमबीए की श्रेणी में टॉप 100 में जगह बनाने वाला देश का चौथा आईआईएम (India’s fourth IIM) बन गया है। बता दें कि आईआईएम इंदौर (Indore IIM) को फुल टाइम ग्लोबल एमबीए प्रोग्राम 2021 (Full Time Global MBA Program 2021) में रेजिडेंशियल पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम फॉर एग्जीक्यूटिव (Residential Post Graduate Program for Executive) के लिए 94वां रैंक मिला है। जिसके बाद संस्थान की सराहना की जा रही है।

इस संबंध में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने बताया कि आईआईएम इंदौर (IIM Indore) फुलटाइम ग्लोबल रैंकिंग के शीर्ष 100 स्थान में शामिल हो गया है। जिसके लिए काफी खुशी महसूस हो रही है। अब आईआईएम इंदौर (IIM Indore) देश का चौथा आईआईएम बन चुका है। जिसका क्रेडिट पूरी संस्था को जाता है। पूरे संस्था परिवार ने मन से एकजुट होकर कार्य किया और यह मुकाम हासिल हुआ है।

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वहीं आगे प्रोफेसर हिमांशु राय ने कहा कि अब हम शीर्ष 50 में आने का लक्ष्य रखते हैं। जिसके लिए लगातार मेहनत जारी रहेगी। बता दें कि एफटी रैंकिंग रिपोर्ट के मुताबिक रैंकिंग को 21 मापदंडों में विभाजित किया गया था। जिसे करियर में प्रगति, विविधता और संस्थानों के अनुसंधान, सीएसआर में वर्गीकृत गया था। खास बात ये रही कि आइआइएम इंदौर (IIM Indore) को 9.23 स्कोर मिला है, जो ओवरऑल सेटिसफेक्शन मानदंड में भारत के पांच बिजनेस स्कूलों में आता है।

इस बार इसमें कॉर्पोरेट सीएसआर का एक नया मानदंड शामिल किया गया था। वहीं अन्य मानदंडों में लक्ष्य, पूर्व छात्रों की सिफारिश की गई रैंक, लिंग अनुपात, अंतर्राष्ट्रीय छात्र, अनुसंधान रैंक और वेतन, आदि को शामिल किया गया था। जिसके बाद ही भारत के चौथे आइआइएम में आइआइएम इंदौर (IIM Ind का नाम शामिल हुआ है। जिसके लिए आइआइएम इंदौर (IIM Indore) को 9.23 स्कोर मिला है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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