इंदौर में बुजुर्गों से अमानवीयता वाले वीडियो के जरिए एक महिला को मिला अपना खोया हुआ पति

Gaurav Sharma
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इंदौर,डेस्क रिपोर्ट। इंदौर (Indore) से आए मानवता को तार-तार करने वाले वीडियो (Video) ने शहर के नगर निगम को देश भर में आलोचना (Criticism) का शिकार बना दिया था। वीडियो (Video) में देखा गया था कि किस तरह से शहर के बुजुर्गों (senior citizen of indore) को कचरे की तरह भरकर शहर से बाहर किया गया था, इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रदेश भर में सियासी हलचल तेज हो गई थी। प्रदेश भर में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। लेकिन इन सबके बीच हम आपको जिस खबर के बारे में बताने जा रहे हैं उसमें इंदौर (Indore) में हुए इस कृत्य ने  एक पत्नी से उसके बिछुड़ा हुआ पति से मिलवा दिया।

दरअसल महीने भर से इंदौर के चंदन नगर क्षेत्र के दामोदर कॉलोनी में रहने वाली पुष्कर साल्वी अपने खोए हुए पति को ढूंढ रही थी। हालही में इंदौर के बुजुर्गों को शहर से उठाकर नगर निगम की गाड़ी में शहर से बाहर भेजने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। साथ ही अखबारों में भी इस मामले की खबर छपी थी, तो इसी खबर की फोटो में पुष्पा साल्वी को अपने पति अनिल दिखे।

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वही उनके पास शनिवार को एक अनजान व्यक्ति की तरफ से फोन आया जिसने बताया कि उनके पति बायपास पर निपानिया के पास सड़क पर बैठे हुए हैं। जिसके बाद पुष्पा तुरंत मौके पर पहुंची, तो वहां उन्होंने अपने पति को पाया। पुष्पा के पति के साथ पांच से सात बुजुर्ग उनके साथ बैठे हुए थे। पुष्पा अपने पति को पहचान कर, उन्हे घर ले आई। पूरे मामले को लेकर पुष्पा ने बताया कि वह अपने पति को मेंटल हॉस्पिटल लेकर गई थी, जहां उन्हें दवा दी गई है। अब वह अच्छे से घर पर रह रहे हैं। पुष्पा कहती हैं कि निगमकर्मी पहले तो उन्हें शिप्रा छोड़ने वाले थे, लेकिन बायपास पर निपानिया में ही छोड़ गए।

इंदौर में बुजुर्गों से अमानवीयता वाले वीडियो के जरिए एक महिला को मिला अपना खोया हुआ पति

बता दें कि 29 जनवरी को इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) कर्मचारियों द्वारा शहर से बीमार बुजुर्गों को बाहर छोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर जमकर वायरल हुआ, जिसने देश भर में बवाल मचा दिया था। इस अमानवीय घटना के बावजूद प्रशासन को इस मामले की जांच शुरु करने में 3 दिन लग गए। घटना की जांच 1 फरवरी से शुरू की गई है।

इंदौर (Indore) में हुई इस घटना ने देशभर में शहर की छवि को तो बदनाम किया ही, साथ ही इसने नगर निगम के स्वच्छता अभियान पर भी सवाल खड़े कर दिए है। इस घटना पर तुरंत एक्शन लेते हुए सीएम शिवराज ने कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही उपायुक्त को निलंबित कर दिया था। साथ ही इंदौर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने रैन बसेरा के बुजुर्गों की देखभाल करने वाले 2 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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