Indore News : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शहर के द्वारकापुरी थाना क्षेत्र से एक दिव्यांग द्वारा आत्महत्या करने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि आकाश नगर निवासी मोहन अमन पाल बीती रात द्वारकापुरी थाने में एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए पहुंचा था। लेकिन थाने से पुलिस ने उसे जलील करते हुए भगा दिया। जिसके बाद मोहन अपने घर पहुंच कर सबसे पहले व्हाट्सएप पर एक मैसेज लिखा। उसके बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
दरअसल मोहन कि जब थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गई तो उसने तुरंत अपने पिता को फोन लगा कर कहा था कि एफआईआर नहीं लिख रहे हैं। मैं जान दे दूंगा और घर आकर उसने व्हाट्सएप पर मैसेज लिख कर आत्महत्या कर ली। बुधवार सुबह मोहन का शव रखकर परिजनों ने द्वारकापुरी थाने का घेराव कर दिया। ऐसे में पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर ने लापरवाही करने वाले सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, मोहन चाय वाले की उम्र 25 वर्ष थी। वह पुलिस थाने में यह शिकायत करने के लिए पहुंचा था कि बिहार की एक गैंग के प्रवेश शर्मा ने शादी करवाने के नाम पर उससे तीन किश्तों में 95000 रूपये ले लिए थे। कुछ लड़कियों के फोटो भी उसे भेजे थे। इस वजह से उसने प्रवेश शर्मा पर भरोसा कर लिया। लेकिन बाद में प्रवेश शर्मा ने मोहन का फोन उठाना बंद कर दिया। दरअसल प्रवेश शर्मा ने उसके साथी श्यामसुंदर और दिनेश शर्मा के मोबाइल पर 65000 ऑनलाइन और 20000 नगद दिलवाए थे।
इसी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए मोहन मोहन द्वारकापुरी थाने में गया था। लेकिन उसकी फरियाद सुने बिना ही पुलिस ने उसे जलील कर थाने से भगा दिया। जिसके बाद देर रात मोहन ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब घर वालों ने उसे फंदे पर झूलता देखा तो सब उतार कर रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों को इकट्ठा किया। वहीं सभी एकत्रित होकर थाने का घेराव करने के लिए पहुंच गए। अभी इस मामले को लेकर जांच की जा रही है। इतना ही नहीं पुलिस कमिश्नर ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने पर व्हाट्सएप पर लिखे जाने के मामले को लेकर बारीकी से जांच करने की बात कहीं है।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट