Indore News : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शहर के इंदौर प्रीमियर को ऑपरेटिव बैंक में गृह ऋण घोटाले के मामले में आज विशेष न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आरोपियों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। बता दें, इस मामले में पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार के साथ 10 आरोपी शामिल हैं जिन्हें सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने दरबार पर तीन हजार रूपये का अर्थ दंड भी लगाया है। अगर ये नहीं भरा गया तो तीन तीन माह की सजा को बड़ा दिया जाएगा।
23 बाद सुनाई गई सजा
जानकारी के मुताबिक, ये मामला साल 2000 का है। जिसका फैसला 23 साल बाद आज सुनवाई के दौरान सुनाया गया है। ऐसे में आरोपियों पर सजा भादवि की धारा 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) (डी) और 13(2) लगते हुए सजा सुनाई गई है। बता दे, 23 साल पहले प्रीमियर को ऑपरेटिव बैंक में गृह ऋण घोटाले मामले में अंतर सिंह दरबार पर आरोप लगाए गए थे जिसके बाद जांच की गई और जांच के बाद उन्हें दोषी करारा गया था।
जानें क्या है पूरा मामला?
इंदौर प्रीमियम को-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहे रामेश्वर पटेल ने अपने करीबियों को नियमों का विरुद्ध जाकर लोन दिया था। इसमें पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार, देवराज सिंह परिहार, अहिल्याबाई बासित अली, कर्मचारी गुलाम खान सहित अन्य लोग शामिल थे। ये मामला 2000 का है। उसके बाद इस मामले की शिकायत किसी ने की तो जांच के बाद सभी को दोषी करार दिया गया। लेकिन 23 साल बाद आज इस मामले की सुनवाई करते हुए एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ सभी को 1-1 साल की सजा सुनते हुए जुर्माने से दंडित किया।