Indore News : नगर निगम फर्जी बिल घोटाले में दो ऑडिट अधिकारियों को किया गिरफ्तार, जांच में हो सकते हैं नए खुलासे

Indore News : इंदौर नगर निगम में हुए करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। शुक्रवार को निगम की ऑडिट शाखा से जुड़े हुए दो और अधिकारियों को गिरफ्त में ले लिया है।

Rishabh Namdev
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Indore News : इंदौर नगर निगम में हुए करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। दरअसल एमजी रोड पुलिस ने शुक्रवार को निगम की ऑडिट शाखा से जुड़े हुए दो और अधिकारियों को गिरफ्त में ले लिया है। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए अधिकारीयों को इंदौर और भोपाल से पकड़ा है। सूचना के अनुसार इनमें से एक अधिकारी को भोपाल और दूसरे को इंदौर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार अधिकारी की जानकारी:

दरअसल गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में समर सिंह पिता रणजीत सिंह परमार, जो जानकी नगर एक्सटेशन के निवासी हैं और वर्तमान में भोपाल के सतपुड़ा भवन की स्थानीय निधि समपरिक्षा प्रकोष्ठ में पोस्ट संचालक के पद पर कार्यरत हैं। जबकि दूसरे अधिकारी रामेश्वर पिता बाबूलाल परमार, जो गुरु चरण अपार्टमेंट, ग्रेटर तिरुपति के निवासी हैं और वर्तमान में इंदौर नगर निगम के स्थानीय निधि समपरीक्षा में डिप्टी डायरेक्टर ऑडिट के पद पर कार्यरत हैं।

वहीं इसके अलावा, मुख्य आरोपी और निलंबित ईई अभय राठौर जो कि दोबारा पुलिस रिमांड पर भेजे गए है, उसे पुलिस टीम द्वारा ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित निगम कार्यालय पर ले जाया गया। दरअसल जहां पुलिस ने बिना हथकड़ी के आरोपी के साथ निरीक्षण कर कई अहम जानकारियां जुटाईं है। हालांकि राठौर इस दौरान कई निगमकर्मियों से मुलाकात करता हुआ दिखाई दिया।

मामले में पुलिस का बयान:

दरअसल मामले में टीआई विजय सिसोदिया का कहना है कि इस घोटाले को लेकर ऑडिट शाखा के दोनों अधिकारी राठौर के संपर्क में थे जिसके बाद इन्हे गिरफ्तार किया गया है। सिसोदिया ने बताया, “घोटाले में समर सिंह और रामेश्वर की भी संलिप्तता सामने आई है। साक्ष्य मिलने के बाद ही इनकी गिरफ्तारी की गई है। दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया जाएगा।”

क्या है मामला?

आपको बता दें कि यह घोटाला नगर निगम के ऑडिट विभाग से जुड़ा हुआ है, जहां फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये का हेरफेर किया गया है। घोटाले का मुख्य आरोपी अभय राठौर पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है और उसकी रिमांड पर चल रही जांच में नए तथ्य सामने आ रहे हैं।

हालांकि घोटाले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है और इसमें शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि घोटाले में और भी कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिरफ्तारी आगे की जांच के बाद संभव है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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