इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर (Indore) अपनी स्वच्छता को लेकर लगातार नए-नए प्रयोग करता रहता है। अब तक इंदौर में कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया की जाती रही है। लेकिन अब गणेश चतुर्थी के खास त्यौहार पर सजाए गए पांडालों और मंदिरों में से जो फूल और मालाएं निकलेगी उसके द्वारा खाद बनाकर तैयार किया जाएगा। इंदौर में पुरानी फूल मालाओं से करीब 20 टन खाद बनाया जाएगा।
इसका प्रयोग इंदौर के उद्यानों में किया जाएगा। इसके अलावा शहर में गणेशोत्सव के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों व निर्माल्य का भी उपयोग इंदौर में किया जाने वाला है। जानकारी के मुताबिक, इंदौर में बने करीब 100 से ज्यादा पांडालों और टाउनशिप में हो रहे गणेशोत्सव के आयोजन से फूल और मालाओं को निगम द्वारा लिया जाएगा।
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बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए इंदौर नगर निगम ने पांडालों और टाउनशिप को खाद बनाने में उपयोग की जाने वाली कम्पोस्ट पिट से जोड़ लिया है। ऐसे में हर दिन यहां से फूल और मालाएं एकत्रित की जाती है और इन सभी को खाद बनाने वाली कम्पोस्ट पिट पर भेज दिया जाता है। इन सबके इखट्टा होने के बाद इनकी खाद बना कर तैयार की जाएगी। उसके बाद इन खास का इस्तेमाल उद्यानों में किया जाएगा।
खास बात ये है कि इंदौर नगर निगम के एनजीओ टीम के सदस्य रहवासी इलाकों में जाकर लोगों को खाद बनाने की भी सीख दे रहे हैं। ऐसे में लोग भी खुद अपने घर पर ही सब्जी के छिलकों से और फूल मालाओं से खाद बना सकते हैं। आपको बता दे, इंदौर में अभी गणेशोत्सव के पूरे 10 दिनों तक फूलों को एकत्र किया जाएगा उसके बाद ही इसकी खाद तैयार की जाएगी।