केंद्र और राज्य सरकार लगातार इंदौर को विकास का मॉडल बताते नहीं थकती। स्मार्ट सिटी मिशन से लेकर आधारभूत ढांचे के विकास तक कई योजनाओं का दावा किया गया है। शहर को स्वच्छता में लगातार देश का नंबर वन बताया जाता है, लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के बीच सड़कें जनता की सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई हैं। जगह-जगह गड्ढों, बारिश के बाद जलजमाव और टूटे मार्गों ने नागरिकों की आवाजाही मुश्किल कर दी है। विकास के दावों और जमीनी हकीकत के बीच का यह अंतर अब राजनीतिक विरोध का कारण बन गया है।
इसी कड़ी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मधु मिलन चौराहे पर एक अनोखा प्रदर्शन किया। जिसकी अगुवाई दीपक जोशी पिंटू और शेलू सेन ने की। कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर भरे गड्ढों में बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि जनता को रोजाना इन गड्ढों से जूझना पड़ रहा है, लेकिन निगम और प्रशासन सुधार की बजाय केवल दावे कर रहे हैं।
निगम ने बनाया प्रयोगशाला
प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत में कार्यकर्ता जोशी पिंटू ने तंज कसते हुए कहा कि अब मधु मिलन चौराहे का नाम बदलकर “प्रभु मिलन चौराहा” होना चाहिए। उन्होंने व्यंग्य किया कि इंदौर की सड़कों को निगम ने प्रयोगशाला बना दिया है, जहां आम आदमी का चलना तक दुश्वार हो गया है। कार्यकर्ताओं ने अंतरिक्ष यात्री का वेश धारण कर सड़कों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान पिंटू जोशी ने कहा कि चांद पर भी इतने गड्ढे नहीं होंगे, जितने इंदौर शहर में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही ने इंदौरवासियों को खतरनाक हालात में जीने को मजबूर कर दिया है।
रोजमर्रा की मुश्किलें
इंदौर की टूटी सड़कों और जलजमाव से न केवल ट्रैफिक बाधित हो रहा है, बल्कि हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। स्कूल जाने वाले बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और व्यापारी वर्ग हर दिन इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
इंदौर, शकील अंसारी





