इंदौर, आकाश धोलपुरे| इंदौर (Indore) में सड़े हुए आलू से चिप्स बनाने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने फैक्ट्री संचालक पर कार्रवाई की| जिसके बाद अब अधिकारी कर्मचारियों पर भी गाज गिरना शुरू हो गई है| ऐसे मामलों की अनदेखी और सही मॉनिटरिंग नहीं होने पर कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा विभाग के प्रति भी नाराज़गी जतायी है।
कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने खाद्य सुरक्षा विभाग के काम को लेकर नाराजगी जताते हुए फूड सेफ्टी ऑफिसर मनीष स्वामी और ड्रग इंस्पेक्टर राजेश जिनवाल को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के कार्यालय (ADM ऑफिस) में अटैच कर दिया है। इन दोनों अधिकारियों के संबंध में कलेक्टर को निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही थी। इन दोनों अधिकारियों से फ़ील्ड के सभी काम भी छीन लिए गए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने अपर कलेक्टर अभय बेडेकर को निर्देश दिए हैं कि वे इंदौर ज़िले में आलू चिप्स बनाने वाली सभी इकाइयों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करें।
6 पर्यवेक्षक की वेतन वृद्धि रोकी, तीन परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
इधर, महिला एवं बाल विकास विभाग के 6 पर्यवेक्षक और तीन परियोजना अधिकारियों पर भी बड़ी कार्यवाही की गई है। प्रधानमंत्री मातृवन्दना योजना में लापरवाही एवं लक्ष्य के विरूद्ध कार्य नहीं करने तथा लंबित प्रकरणों का निराकरण नहीं करने पर कलेक्टर द्वारा 6 पर्यवेक्षक की दो वेतन वृद्धि रोकी गई है वहीं तीन परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। परियोजना अधिकारियों से तीन दिवस में जवाब माँगा गया है। कलेक्टर ने साफ़ कहा है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो दोषियों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर की तबाड़तोड़ कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है|
कलेक्टर मनीष सिंह ने परियोजना अधिकारी इंदौर ग्रामीण एक नितिन चौरसिया, परियोजना अधिकारी इंदौर शहरी सात मिनाक्षी हरवंश एवं परियोजना अधिकारी इंदौर शहरी तीन रवि शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। इसी तरह पर्यवेक्षक इंदौर शहरी सात पूनम बघेल, पर्यवेक्षक इंदौर शहरी तीन माया कण्डवाल, पर्यवेक्षक इंदौर शहरी सात अनीता संभूरी, पर्यवेक्षक इंदौर शहरी छ: हर्षा जेठवा, पर्यवेक्षक इंदौर ग्रामीण एक वर्षा बघेल और पर्यवेक्षक इंदौर शहरी एक दीपमाला बामने की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है।