कांग्रेस का आरोप, सांवेर सीट पर 850 फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े गए

इंदौर, आकाश धोलपुरे। MP उपचुनाव 2020 के एपिसेंटर सांवेर में अब पॉलिटिक्स ने डर्टी पॉलिटिक्स का रूप ले लिया है यहां एक दिन पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू के वायरल वीडियो पर बवाल मचा था और रविवार को गुड्डू समर्थकों ने सांवेर विधानसभा की मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने को लेकर शहर के इंडेक्स कॉलेज में अपने समर्थकों के साथ धावा बोल दिया, जहां रविवार को मतदाता सूची से संदर्भित कार्य चल रहा था। कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू ने मतदाता सूची का काम कर रही महिला बीएलओ से बात की और उसके बाद एसडीएम और एसडीओपी से पूरे मामले की जानकारी ली। मौके पर पहुंचे कांग्रेस उम्मीदवार और समर्थकों के हंगामे के बाद खुड़ैल पुलिस भी जा पहुंची।

काफी देर चले हंगामे और बातचीत के दौर के बाद प्रेमचंद गुड्डू ने बीजेपी और प्रशासन पर मतदाता सूची में हेरफेर करने का गम्भीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इंडेक्स कॉलेज में रविवार को 850 नकली मतदाताओ को जोड़ने का काम चल रहा था। इस दौरान उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि जब आदर्श आचार सहिंता लगी हुई है तो बीएलओ स्तर पर रविवार को कैसे काम किया जा रहा है। प्रेमचन्द्र गुड्डू ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी और बीजेपी के नेताओं द्वारा नकली मतदाताओं के नाम सूची में जोड़ने का आरोप लगाया है। वही उन्होंने इस मामले में शिकायत मुख्य चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन से करने की बात की है। इधर, प्रशासनिक अधिकारी भी कांग्रेस उम्मीदवार को समझाते नजर आए की जो पात्र होगा उन्ही के नाम जोड़े जाएंगे इसके लिए वो फिक्र न करे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।